
Jammu Kashmir LG Manoj Sinha launched website for Migrant Kashmiri Pandits
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर ( Jammu Kashmir ) में कश्मीरी पंडितों ( Kashmiri Pandits ) के लिए मंगलवार को श्रीनगर ( Srinagar ) में नई वेबसाइट लॉन्च की गई। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ( Monoj Sinha ) ने कश्मीरी प्रवासियों की जमीन और अचल संपत्तियों के बारे में शिकायत के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया।
आवेदन करने के बाद यूनिक आईडी जेनरेट हो जाएगी। इसके बाद आवेदन उचित कार्यवाही के लिए संबंधित जिला मजिस्ट्रेट के पास पहुंच जाएगा। इस संबंध में किभी भी जानकारी के लिए राहत एवं पुनर्वास आयुक्त कार्यालय जम्मू से 0191-2586218, 0191-2585458 पर संपर्क कर सकते हैं।
44 हजार परिवारों ने कराया रजिस्ट्रेशन
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया, 'हमारे पास जो आंकड़ा है उसके मुताबिक मोटे तौर पर 44,000 परिवारों ने रजिस्ट्रेशेन कराया है। इसमें 40,142 हिंदू परिवार हैं, 2,684 मुस्लिम परिवार हैं और 1730 सिख परिवार हैं। सिन्हा ने कहा कि पोर्टल शुरू करने से पहले ही हमारे पास 745 शिकायतें आ चुकी हैं। उम्मीद है जल्द ही इनका निवारण भी होगा।
विस्थापितों की वापसी होगी आसान
सरकार लगातार कश्मीरी विस्थापितों की वापसी के लिए काम कर रही है। इसी कड़ी में उप-राज्यपाल ने घाटी वापसी के इच्छुक परिवारों के लिए पंजीकरण को जरूरी बताते हुए संबंधित विभागों को पंजीकरण व्यवस्था के निर्देश दिए थे।
जम्मू समेत देश और विदेशों में बसे कश्मीरी विस्थापित राहत एवं पुनर्वास विभाग के पास अब ऑनलाइन पंजीकरण भी करवा सकेंगे।
घाटी में बनाए जा रहे 6 हजार ट्रांजिट आवास
दरअसल कश्मीर घाटी के विभिन्न इलाकों में कश्मीरी विस्थापित कर्मचारियों के लिए छह हजार ट्रांजिट आवास बनाए जा रहे हैं। उपराज्यपाल पहले ही कह चुके हैं कि इन आवासों का निर्माण समय से पूरा करने की प्रक्रिया के बीच कोताही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कुल छह हजार ट्रांजिट आवास में से कुलगाम में 208, बडगाम में 96, गांदरबल, शोपियां, बांदीपोरा, बारामुला, कुपवाड़ा में 1200 जबकि 07 अन्य स्थानों पर 2744 आवास बनाए जाने हैं।
बता दें कि आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत कश्मीरी विस्थापितों की मतदाता सूचियों को दुरुस्त करने का भी काम किया जा रहा है। विस्थापित मतदाताओं की सूचियों में संशोधन, नाम हटाने व जोड़ने के अलावा जिन मतदाताओं के मतदाता पहचान पत्र में फोटो नहीं हैं, वह लगाए जा रहे हैं।
इस कवायद के लिए कश्मीर के विभिन्न जिलों के जिला चुनाव अधिकारियों के निर्देशों पर टीमें विस्थापित शिविरों का दौरा कर रही है।
Published on:
07 Sept 2021 02:14 pm
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