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जोशीमठ में NTPC गो बैक के लगे नारे, जोशीमठ-औली रोप वे के प्लेटफ़ॉर्म में आई दरार से मची घबराहट

जोशीमठ की जनता लगातार हो रहे भू धंसाव से बहुत नाराज है। और इसके लिए NTPC को दोषी मान रही है। जोशीमठ स्थानीय लोगों ने NTPC खिलाफ मोर्चा शुरू कर दिया है। और NTPC गो बैक के नारे लगा रहे हैं। इसके अलावा प्रशासन ने जोशीमठ में घरों के ध्वस्तीकरण का काम शुरू कर दिया है। जोशीमठ-औली को जोड़ने वाली रोप वे के प्लैटफ़ॉर्म में दरार की घटना ने सबको चौंका दिया है।

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जोशीमठ में NTPC गो बैक के लगे नारे, जोशीमठ-औली रोप वे के प्लेटफ़ॉर्म में आई दरार से मची घबराहट

जोशीमठ पूरे देश में चर्चा में आ गया है। जोशीमठ के प्रभावित लोगों ने एनटीपीसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। स्थानीय लोगों ने अपने आवास, मकान, दुकान यहां तक अपने वाहनों में एनटीपीसी के खिलाफ एनटीपीसी गो बैक के पोस्टर लगाकर विरोध करना शुरू कर दिया है। जोशीमठ में हो रहे लगातार भू धंसाव से एक ओर जहां जोशीमठ का अस्तित्व लगातार खतरे में हैं। जोशीमठ के स्थानीय जनता को मानना है कि, एनटीपीसी इसकी जिम्मेदार है। वहीं दूसरी तरफ एक बड़ी खबर ने सबको चौंका दिया। जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते जोशीमठ - औली को जोड़ने वाली रोप वे के प्लैटफ़ॉर्म में दरार आई। जिसके बाद जोशीमठ-औली रोप-वे को बंद कर दिया गया है। उधर भू-धंसाव के चलते प्रशासन ने जोशीमठ में घरों के ध्वस्तीकरण का काम शुरू किया। साथ ही इंजीनियरों की टीम जोशीमठ में दरार वाले घरों का निरीक्षण कर रही है।

जोशीमठ-औली रोपवे एहतियातन किया गया बंद

जोशीमठ भू-धंसाव से एशिया के सबसे बड़े जोशीमठ-औली रोपवे की प्लेटफार्म पर दरारें आ गई है। खतरे को देखते हुए रोपेव का संचालन बंद कर दिया गया है। शुक्रवार रात को रोपवे पर ये दरारें आई है। रोपवे मैनेजर दिनेश भट्ट ने बताया, यह दरारें कल से आई हैं और इससे खतरा बना हुआ है। हमने एहतियात के तौर पर रोपवे बंद किया है। रोपवे अगले आदेश तक बंद है।

रोपवे टावर की हर दिन नियमित निगरानी - दिनेश भट्ट

जोशीमठ-औली रोपवे का एक टावर, प्रशासन की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए क्षेत्र में है। रोपवे प्रबंधक दिनेश भट्ट का कहना था कि, रोपवे के टावर की हर दिन नियमित निगरानी की जा रही है।

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जोशीमठ-औली रोपवे क्या है जानें?

जोशीमठ से औली तक इस रोपवे की दूरी करीब चार किमी है। जिसमें 10 टावर लगे हैं। रोपवे से जोशीमठ से औली पहुंचने में 15 मिनट का समय लगता है। औली जाने के लिए पर्यटकों की पहली पसंद रोपवे ही रहता है।

सभी पर्वतीय शहरों की कैरिंग कैपेसिटी का होगा सर्वे

जोशीमठ शहर में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जोशीमठ आपदा से सबक लेते हुए प्रदेश मंत्रिमंडल ने सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता (कैरिंग कैपेसिटी) का सर्वे कराने का फैसला किया है। पहले चरण में नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत क्षेत्रों में सर्वे कराने की मंजूरी दे दी है।

जोशीमठ भू धंसाव की वजह अधिक भार वहन क्षमता

आबादी और बेतरतीब ढंग से हो रहे निर्माण कार्यों से पर्वतीय शहरों में धारण क्षमता से अधिक दबाव बढ़ रहा है। जोशीमठ भू धंसाव के पीछे एक वजह शहर की भार वहन क्षमता से अधिक निर्माण को भी ठहराया जा रहा है।

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