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13 साल बाद मिला न्याय, जादू-टोना के शक में महिला की हत्या, 23 दोषियों को उम्रकैद

Justice After 13 Years: असम के चराईदेव जिले में 13 साल पहले हुए हत्या के मामले में 23 लोगों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

Gwalior High Court's important decision regarding deputation
High Court decision regarding deputation

असम के चराईदेव जिले में 13 साल पहले जादू-टोना के शक में एक महिला की जिंदा जलाकर हत्या करने के मामले में आखिरकार न्याय मिला है। चराईदेव जिला एवं सत्र न्यायालय ने इस जघन्य हत्याकांड में 23 लोगों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों में 12 पुरुष और 11 महिलाएं शामिल हैं।

13 साल बाद मिला न्याय

घटना साल 2012 की है, जब चराईदेव के जाल्हा गांव में एक महिला पर जादू-टोना करने का आरोप लगाकर भीड़ ने उसे गंभीर यातनाएं दीं और जिंदा जला दिया। इस क्रूर घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी। पुलिस के अनुसार, पीड़िता को जादू-टोना करने के संदेह में प्रताड़ित किया गया और फिर आग के हवाले कर दिया गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस मामले में लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया।

23 दोषियों को मिली सजा

न्यायाधीश अबूबक्कर सिद्दीकी की अध्यक्षता वाली अदालत ने सभी 23 दोषियों को आजीवन कारावास के साथ-साथ 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। इसके अलावा, कोर्ट ने पीड़ित परिवार को 8 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। इस फैसले को अंधविश्वास के खिलाफ एक मजबूत कदम माना जा रहा है।

अंधविश्वास खिलाफ जागरूकता की जरुरत

पुलिस और स्थानीय लोगों के अनुसार, इस घटना ने अंधविश्वास और जादू-टोना जैसे सामाजिक कुरीतियों के खतरों को उजागर किया था। 13 साल तक चली सुनवाई के बाद आए इस फैसले से पीड़ित परिवार को राहत मिली है। सोशल मीडिया पर भी इस फैसले की सराहना हो रही है, हालांकि कई लोग अंधविश्वास के खिलाफ और जागरूकता की जरूरत पर जोर दे रहे हैं।

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