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कविता और शर्मिला: तेलंगाना-आंध्र प्रदेश की 2 बहनों का मिलता-जुलता हाल, एक के चलते भाई को गंवानी पड़ी ‘CM’ की कुर्सी

तेलंगाना में केसीआर की बेटी कविता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन शर्मिला; दोनों बहनों ने अपने भाइयों के राजनीतिक भविष्य पर गहरा असर डाला। कविता के पारिवारिक विवाद ने बीआरएस में उथल-पुथल मचा दी, जबकि शर्मिला के विरोध ने जगन को चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा। दोनों मामलों में पारिवारिक कलह ने राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया।

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भारत

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Mukul Kumar

Sep 04, 2025

के कविता और यूएस शर्मिला। (फोटो- IANS)

पूर्व बीआरएस नेता के कविता का पारिवारिक कलह इन दिनों एक बड़ा मुद्दा बन गया है। उनके पिता और बीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निलंबित कर दिया है, जिसके बाद कविता ने भी एमएलसी पद छोड़ने का एलान कर दिया।

दरअसल, कविता ने अपने चचेरे भाइयों और वरिष्ठ बीआरएस नेताओं, टी. हरीश राव और जे. संतोष कुमार पर कालेश्वरम परियोजना में कथित घोटाले का आरोप लगाया था। के. कविता ने दावा किया था कि इन नेताओं ने उनके पिता केसीआर की छवि खराब करने के लिए साजिश रची।

कविता पिछले कई दिनों से अपने चचेरे भाइयों पर हमलावर रहीं, जिसकी वजह से उनके पिता को बड़ा फैसला लेना पड़ा। पूरे प्रकरण में पारिवारिक कलह की झलक साफ नजर आई। कविता ने यह तक कह दिया कि उनके अपने सगे भाई तक ने उनकी बात नहीं सुनी।

आंध्र प्रदेश में भाई को गंवानी पड़ी CM की गद्दी

ऐसा ही एक मामला कुछ समय पहले आंध्र प्रदेश में भी देखने को मिला था। जहां एक बहन के चलते भाई को सत्ता से हाथ धोना पड़ा।

दरअसल, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला रेड्डी ने संपत्ति विवाद के बाद अपने भाई के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था।

बाद में उन्होंने तेलंगाना में अपनी पार्टी (वाईएसआरटीपी) भी बनाई, लेकिन टिक नहीं पाईं। उस पार्टी का शर्मिला ने कांग्रेस में विलय कर दिया। फिर उन्हें कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में पार्टी का अध्यक्ष बना दिया था।

भले ही आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को शर्मिला के नेतृत्व से कोई फायदा नहीं हुआ, लेकिन उनके अभियानों ने जगन की प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुंचाया।

उन्होंने पिछले साल विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान अपने भाई जगन के बारे में खुलकर आलोचनात्मक टिप्पणियां की। जिसका असर भी दिखा।

वाईएसआरसीपी को आंध्र प्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा। जगन के विरोधी टीडीपी के नेतृत्व वाले एनडीए को भारी बहुमत से जीत मिली।

जगन से क्या है शार्मिला का विवाद?

शर्मिला रेड्डी और उनके भाई जगन मोहन रेड्डी के बीच संपत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद है। दोनों के बीच संपत्ति के बंटवारे को लेकर समझौता हुआ था, जिसमें जगन को 60% और शर्मिला को 40% हिस्सा मिलना था। हालांकि, शर्मिला का आरोप है कि जगन ने उन्हें उनके हिस्से के 200 करोड़ रुपये नहीं दिए।

उधर, जगन मोहन रेड्डी ने आरोप लगाया है कि शर्मिला ने उनके और उनकी पत्नी की कंपनी सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज के शेयर अवैध रूप से अपने नाम पर ट्रांसफर कर लिए। जगन मोहन ने इसको लेकर एनसीएलटी का भी दरवाजा खटखटाया था।