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मंत्री का बेतुका बयान, कहा- सूखे की कामना करते हैं किसान, भाजपा बोली- पद पर रहने का अधिकार नहीं

Karnataka: कर्नाटक के कृषी मंत्री शिवानंद पाटिल ने सोमवार को एक जनसभा के दौरान राज्य के किसानों को लेकर विवादित बयान दिया है।

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कर्नाटक के कृषि मंत्री शिवानंद पाटिल ने किसानों को लेकर विवादित बयान दे दिया है। उन्होंन सोमवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के किसान चाहते हैं कि सूखा पड़े, क्योंकि उन्हें सरकार से कृषि ऋण माफी मिलती है। उनके इस बयान के बाद विपक्ष लगातार उन पर हमलावर है। इसके साथ ही भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से कृषी मंत्री को उनके पद से हटाने मांग की है।

किसान साल-दर-साल सूखे की कामना करते हैं- शिवानंद पाटिल

बेलगावी जिले के चिक्कोडी में सोमवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषी मंत्री पाटिल ने कहा कि किसान साल-दर-साल सूखे की कामना करते हैं, क्योंकि सरकार उनके ऋण माफ कर देती है। चूंकि किसानों को पानी, बिजली, बीज और उर्वरक सहित सब कुछ मुफ्त मिल रहा है, इसलिए उन्हें हर समय सरकार की मदद की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

कृष्णा नदी का पानी मुफ़्त है, धारा मुफ़्त है। चूंकि उत्तरी कर्नाटक के कई हिस्से सूखे की चपेट में हैं, इसलिए मुख्यमंत्री मुफ्त में बीज और खाद भी दे रहे हैं। अब किसान सूखे की कामना कर रहे हैं, क्योंकि उनका कर्ज माफ हो जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर वे नहीं चाहेंगे तो भी हर 3-4 साल में सूखा पड़ेगा।


हर तीन से चार साल में एक बार सूखे की मार पड़ने की संभावना

पाटिल ने यह भी कहा कि जलवायु परिस्थितियों के कारण राज्य में हर तीन से चार साल में एक बार सूखे की मार पड़ने की संभावना है। मंत्री ने कहा कि राज्य में हर तीन या चार साल में सूखे जैसी स्थिति देखने को मिलेगी और सरकार किसानों की मदद के लिए हमेशा मौजूद रहेगी।

इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले अन्य मुख्यमंत्रियों ने संकट की स्थिति के दौरान किसानों की मदद की थी। चाहे येदियुरप्पा हों, एच.डी. कुमारस्वामी हों या सिद्दारमैया, हर कोई संकट की स्थिति में किसानों की मदद करना चाहता था, लेकिन किसी को यह समझना चाहिए कि सरकारों के लिए किसानों को मदद देना हमेशा संभव नहीं होता।

शिवानंद पाटिल को कैबिनेट में बने रहने का कोई अधिकार नहीं-भाजपा

कृषी मंत्री के इस टिप्पणी के बाद विपक्ष के नेता आर. अशोक ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से शिवानंद पाटिल के खिलाफ किसानों के बारे में असंवेदनशील टिप्पणी के लिए मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है। चिक्कमगलुरु में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए अशोक ने कहा कि मंत्री किसान विरोधी बयान देने के लिए जाने जाते हैं। पाटिल ने पहले उन किसानों का मजाक उड़ाया था, जिन्होंने कर्ज का बोझ सहन करने में असमर्थ होने के कारण आत्महत्या कर ली थी। शिवानंद पाटिल को कैबिनेट में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।

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