
कर्नाटक की जेलों में की गई छापेमारी (फोटो - आलोक कुमार एक्स पोस्ट)
कर्नाटक की जेलों में कैदियों के पास मोबाइल और टीवी जैसी सुविधाएं मौजूद होने की खबर हाल ही में सामने आई थी। इसके अलावा कई वीडियो भी सामने आए थे जिनमें कैदियों को जेल में दारू पार्टी करते हुए देखा गया था। इस मामले के सामने आने के बाद एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था जिसके बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। अब इस मामले में कार्रवाई करते हुए 36 घंटों में राज्य की कई जेलों में छापेमारी की गई है। उस दौरान कैदियों के पास से कई मोबाइल फोन, खतरनाक हथियार और नशीले पदार्थ (ड्रग्स) बरामद किए गए हैं।
सीनियर IPS अधिकारी आलोक कुमार के डायरेक्टर जनरल ऑफ प्रिजन्स (जेल महानिदेशक) का पद संभालने के तुरंत बाद यह कार्रवाई की गई है। कुमार ने जेलों के अंदर सुरक्षा को और मजबूत किए जाने और नशीले पदार्थों या प्रतिबंधित सामानों का इस्तेमाल पूरी तरह से रोके जाने के सख्त निर्देश दिए थे। इसके बाद ही राज्य की जेलों में छापेमारी का यह खास अभियान चलाया गया।
इस अभियान के तहत बेंगलुरु की सेंट्रल जेल की बैरकों (कैदियों के रहने की जगह) की गहराई से तलाशी ली गई। छापेमारी के दौरान कैदियों के पास से 6 मोबाइल फोन और 4 चाकू बरामद किए गए। इसके अलावा मैसूर जेल में पुलिस को कैदियों के पास से 9 मोबाइल फोन और 11 सिम कार्ड मिले। वहीं बेलागावी जेल से अधिकारियों ने 4 मोबाइल फोन और 366 ग्राम गांजा जब्त किया। अधिकारियों के अनुसार यह सामान जेल की दीवार के ऊपर से अंदर फेंका गया था।
मंगलुरु की जेल से चार और विजयपुरा की जेल से एक मोबाइल फोन बरामद किए गए है। इस घटना ने जेल की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारियों के मुताबिक यह अभियान जेलों के चीफ आलोक कुमार के आदेश पर चलाया गया था। कुमार की सबसे बड़ी प्राथमिकता जेल की सुरक्षा है और इसके लिए वह बहुत सख्त हैं।
Updated on:
17 Dec 2025 04:18 pm
Published on:
17 Dec 2025 04:17 pm
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