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Karnataka: ठेकेदार मौत मामले में राजनीति तेज, BJP ने खरगे पर लगाया यह बड़ा आरोप

Karnataka News: कर्नाटक के कलबुर्गी में पुलिस ने सिविल ठेकेदार सचिन पंचाल की मौत से जुड़े मामले में मंत्री प्रियांक खरगे के करीबी राजू कपनूर और पांच अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

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Lahar Singh Siroya

Lahar Singh Siroya

Priyank Kharge: कर्नाटक के कलबुर्गी में पुलिस ने सिविल ठेकेदार सचिन पंचाल की मौत से जुड़े मामले में मंत्री प्रियांक खरगे के करीबी राजू कपनूर और पांच अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दरअसल 26 दिसंबर को सचिन का शव बीदर जिले के कट्टीटोंगोव के पास रेलवे ट्रैक पर मिला था। उसने ट्रेन से कटकर आत्महत्या की थी। पुलिस को 7 पेज का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था। बता दें कि ठेकेदार की मौत के बाद इस पर राजनीति भी तेज हो गई है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया ने इस मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और उनके पुत्र प्रियांक खरगे को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाने का मतलब खुद को और अपने परिवार को बचाना नहीं है।

एक्स पर किया पोस्ट

सांसद लहर सिंह सिरोया ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मल्लिकार्जुन खरगे दिल्ली में लोकतंत्र बचाने में व्यस्त हैं, लेकिन उनके पीछे कलबुर्गी में यह क्या हो रहा है। उनका बेटा, जो एक महान संवैधानिक विशेषज्ञ की तरह काम करता है, एक के बाद एक मुसीबत में फंसता जा रहा है। उन्होंने आगे लिखा कि यही नहीं, खड़गे जी के पारिवारिक ट्रस्ट और भूमि घोटालों के विवरण भी एक के बाद एक सामने आ रहे हैं। हाल ही में उनके पारिवारिक ट्रस्ट को दलित कोटे के तहत ली गई बेंगलुरु में KIADB की 5 एकड़ जमीन वापस करने के लिए मजबूर होना पड़ा। आरटीआई कानून की बदौलत दस्तावेजों में इसकी विस्तृत जानकारी मिली है।

‘कोई किसी का वफादर नहीं’

सांसद ने आगे लिखा कि कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व की खींचतान के कारण भी सूचना का प्रवाह अच्छा है। प्रदेश कांग्रेस में कोई भी किसी के प्रति वफादार नहीं है, बल्कि केवल अपने और अपनी कुर्सी के प्रति वफादार है। अगर खड़गे जी को लगता है कि दिल्ली बहुत दूर है और वहां कुछ नहीं पहुंच पाएगा, तो वे गलत हैं। मुझे उम्मीद है कि लोकतंत्र को बचाने का मतलब खुद को और अपने परिवार को बचाना नहीं रह जाएगा। वैसे भी नेहरू-गांधी परिवार का मंत्र यही रहा है। 

प्रियांक खरगे ने दी प्रतिक्रिया

वहीं ठेकेदार की आत्महत्या मामले में कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में दो पहलू सामने आए हैं। ठेकेदार ने कुछ और कहा है, जबकि आरोपी ने भी घटना के दूसरे पहलू के मद्देनजर शिकायत की है।  उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट रूप से कह रहा हूं कि इस मामले में स्वतंत्र जांच होनी चाहिए और मैंने खुद गृह मंत्री से अनुरोध किया है कि वे गृह विभाग के भीतर एक स्वतंत्र जांच एजेंसी से मामले की जांच करवाएं। इसलिए स्वाभाविक रूप से भाजपा को लगता है कि उन्हें कुछ मुद्दा मिल गया है, लेकिन एक साल हो गया है, भाजपा अपने मतलब के आधार पर मुझ पर इस्तीफा देने का दबाव बना रही है।

प्रियांक खरगे ने खुद को किया अलग

प्रियांक खरगे ने आगे कहा न तो मैं, न ही मेरा विभाग और न ही सरकार इन सभी गतिविधियों में शामिल है। पहले से ही मैंने उनसे बात की है, लेकिन अभी गृह मंत्री बेंगलुरु में नहीं हैं। इसलिए जब वह वापस आ जाएंगे, तो मैं इस मामले में उनसे फिर से चर्चा करूंगा। बीजेपी कानून को नहीं समझती है।

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