
रामलाल प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या धाम पहुंचने वालों में डेढ़ सौ से अधिक परंपराओं के साधु, संत, कथाकार, मठ-मंदिरों के ट्रस्टी, पुजारी और उनके अनुयायी भी शामिल हैं। इनमें भगवान श्री राम से आशीर्वाद प्राप्त किन्नर भी सम्मिलित हैं। जूना अखाड़ा के अंतर्गत आने वाले किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर मध्यप्रदेश के उज्जैन, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, पंजाब के नवां शहर और गुजरात के गिरनार क्षेत्र से यहां आई हैं। इनका कहना है कि यह भाव विभोर कर देने वाला क्षण है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
500 वर्ष की प्रतीक्षा पूरी हो रही है
किन्नर अखाड़े की उज्जैन की महामंडलेश्वर पवित्रानंद गिरि का कहना है कि रामलला अपने घर में विराजमान होंगे, इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है इस देश के लिए। 500 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा पूर्ण हो रही है। आमंत्रण पत्र पर गिरि ने कहा, यह तो राम जी का आदेश है और जब वह खुद पधार रहे हैं तो किसी आमंत्रण की प्रतीक्षा क्या करना। भगवान के घर तो खुद ही आना पड़ता है। राम जी से किन्नर समाज का बहुत गहरा नाता है और हमारे सभी समाजजन धीरे-धीरे आ रहे हैं। उसके बाद भी सभी आएंगे। जिसके मन में राम है वह राम भजेगा।
अब दो दिवाली मनाएंगे
गुजरात के गिर पर्वत क्षेत्र से आई महामंडलेश्वर गिरनार माता का कहना है, त्रेता युग में जब राम जी का जन्म हुआ था, तब भी हमारी किन्नर माइयों ने बधाई ली थी। जब राम जी का विवाह हुआ था, तब भी बधाई ली थी। जब वनवास से अयोध्या लौटे तब सबसे पहले किन्नर ही मिले थे। आज जब राम जी अपनी झोपड़ी में से महल में जा रहे हैं, तब भी हम किन्नर उपस्थित हैं। हमें खुशी है कि एक दिवाली हम लक्ष्मी पूजन कर मनाते हैं, अब दूसरी दिवाली रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के रूप में मनाई जाएगी। जूना अखाड़ा को निमंत्रण है, हम 22 जनवरी को भी मौजूद रहेंगे।
Published on:
16 Jan 2024 12:16 pm
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