
सोमवार से मानसून सत्र होगा शुरू (Photo-IANS)
Monsoon Session 2025: सोमवार से संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है और यह 21 अगस्त तक चलेगा। इस बार मानसून सत्र खूब हंगामेदार रहने वाला है, क्योंकि इसका असर सर्वदलीय बैठक में ही देखने को मिल गया है। इस बैठक में विपक्ष ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरा और पीएम नरेंद्र मोदी से सदन में बयान देने की मांग की। वहीं केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संसद के मानसून सत्र के दौरान ऑपरेशन सिंदूर सहित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। इस बार मानसून सत्र में विपक्ष 8वां वेतन आयोग, बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और कई मांग को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।
संविधान के अनुसार संसद के तीन सत्र होते है- बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र। बजट सत्र फरवरी से मई के बीच बुलाया जाता है। इस दौरान सरकार बजट पेश करती है। मानसून सत्र जुलाई से अगस्त के बीच आयोजित किया जता है। इस सत्र में विधेयक पेश किए जाते है और सरकार की नीतियों के अलावा राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की जाती है। शीतकालीन सत्र नवंबर-दिसंबर में बुलाया जाता है। इस सत्र में विधायी कार्य किए जाते हैं।
मानसून सत्र 2025 में विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरने की प्लानिंग तैयार कर ली है। सरकार को घेरने के लिए शनिवार को इंडिया गठबंधन की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक भी हुई थी। इस बैठक में 18 दलों के 25 शीर्ष नेताओं ने भाग लिया। इसके साथ ही किन मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरा जाएगा इसकी भी चर्चा की गई।
मानसून सत्र में केंद्र सरकार को विपक्ष 8वां वेतन आयोग पर घेरेगी। विपक्ष देरी को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी में है। हालांकि इस सत्र में 8th Pay Commission को लेकर सरकार की तरफ से जवाब आ सकता है। 8th Pay Commission को लेकर सरकार से सांसद टीआर बालू और आनंद भदौरिया ने सवाल पूछा था, जिसमें वेतन आयोग की अधिसूचना, गठन और लागू होने की समयसीमा पर जवाब मांगा। बता दें जनवरी 2025 में इसको लेकर घोषणा की थी।
बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मतदाता सूची को लेकर विवाद एक और प्रमुख मुद्दा है। विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश है और इसे केंद्रीय चुनाव आयोग की निष्पक्षता से जोड़कर देखा जा रहा है। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगेंगे और इसे बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति से भी जोड़ सकते हैं। हालांकि, कानून-व्यवस्था राज्य का विषय होने के कारण संसद में इस पर बहस की अनुमति मिलना मुश्किल हो सकता है, लेकिन विपक्ष हंगामा करने से नहीं चूकेगा।
पहलगाम में हालिया आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर भी सत्र में चर्चा के प्रमुख मुद्दे होंगे। विपक्ष ने मांग की है कि इन मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं संसद में जवाब दें। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान संबंधों और युद्धविराम को लेकर दिए गए बयानों पर भी विपक्ष सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाएगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयानों को लेकर भी विपक्ष हमलावर हो सकता है।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक में स्पष्ट किया है कि सरकार सभी मुद्दों पर नियमों के तहत चर्चा के लिए तैयार है। हालांकि, विपक्ष की आक्रामक रणनीति और हंगामे की आशंका को देखते हुए सत्र का सुचारू संचालन चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
Published on:
20 Jul 2025 05:30 pm
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