
बिहार चुनाव 2025। (फोटो- IANS)
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के राकांपा नेता और मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की 'माझी लड़की बहन योजना' के कारण अन्य सरकारी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं।
इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, जिस पर लगभग 40,000 से 45,000 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
भुजबल ने कहा कि इससे अन्य विभागों में धन की कमी हो रही है और लोक निर्माण विभाग के पास 84,000 करोड़ रुपये का बकाया है। उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह पैसा बांटा जाता रहा, तो वित्तीय समस्याएं पैदा होंगी।
माझी लड़की बहन योजना महाराष्ट्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
इस योजना के तहत 21 से 65 वर्ष की आयु की पात्र महिलाएं लाभ प्राप्त कर सकती हैं, जिनकी पारिवारिक आय 2।5 लाख रुपये से कम है और जिनके परिवार में कोई चार पहिया वाहन या सरकारी कर्मचारी नहीं है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब महाराष्ट्र जैसे राज्य का मात्र 1500 देने से बजट हिल रहा है तो बिहार जैसे प्रदेश में महिलाओं को कैसे राज्य सरकार हर महीने सहायता राशि दे पाएगी?
उधर, बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन ने भी महिलाओं के लिए 'माई-बहिन मान योजना' की घोषणा की है। कहा गया है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद महिलाओं को हर महीने इस योजना के तहत 2500 रुपये दी जाएगी। अगर यह योजना बिहार में लागू की जाती है तो इसपर लगभग प्रति वर्ष कुल 48,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इसके अलावा, हाल ही में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने भी 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' के तहत, 21 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 10,000-10,000 रुपये भेजे हैं।
जिसमें कुल लगभग 2500 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। इस योजना के तहत अब तक कुल 1 करोड़ 21 लाख महिलाओं को लाभ पहुंचाया जा चुका है।
बता दें कि बिहार सरकार का वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कुल बजट 3,16,895 करोड़ रुपये है। ऐसे में केवल महिलाओं पर इतनी बड़ी राशि खर्च करना राज्य सरकार के लिए एक तरह से चुनौती होगी।
Updated on:
07 Oct 2025 03:03 pm
Published on:
07 Oct 2025 02:40 pm
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