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संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले छठे आरोपी ललित ने पुलिस के सामने किया सरेंडर, भाग गया था राजस्थान

Parliament security breached: लोकसभा की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने के मामले में मुख्य आरोपी माने जा रहे ललित ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया।

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 lalit jha sixth accused and mastermind who breached security of Parliament surrendered

लोकसभा की कार्यवाही के दौरान बुधवार को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में पुलिस ने तत्काल पांच आरोपियों को तो गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन इस प्लान का मास्टर माइंड ललित झा घटना के बाद फरार हो गया था। लेकिन पुलिस के सख्ती के कारण उसने घटना के एक दिन बाद ही गुरुवार देर रात दिल्ली पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। उसके सरेंडर करने के बाद से ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम लगातार उससे पूछताछ कर रही है।

दिल्ली से भाग गया था राजस्थान

वहीं, ललित के सरेंडर की जानकारी देते हुए दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपी ललित मोहन झा घटना का वीडियो बनाने के बाद मौके से भाग गया था। वह बस के माध्यम से राजस्थान के नागौर पहुंचा। यहां वह अपने दो दोस्तों से मिला और एक होटल में रुका, हालाकि जब उसे भनक लगी कि पुलिस उसकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है तो वह बस से दिल्ली आया और उसने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

वीडियो अपने NGO पार्टनर को भेजा

पुलिस ने बताया की शुरुआती जांच में ये बात सामने आया है कि आरोपी ललित ने संसद में सुरक्षा में सेंध लगाने का वीडियो बनाकर उसे अपने एनजीओ पार्टनर को भेजा था। वहीं, दिल्ली पुलिस ने बताया कि अब आरोपियों को संबंधित जगहों पर ले जाकर छानबीन की जाएगी और उनका आमना-सामना कराकर पूछताछ करेगी।

सभी आरोपियों के खिलाफ UAPA के तहत मुकदमा दर्ज

पुलिस सूत्रों ने बताया कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले सभी आरोपियों के खिलाफ संसद मार्ग थाने में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य) और 18 (साजिश आदि) और आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 452 (अनधिकार प्रवेश), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 186 (लोकसेवक के सार्वजनिक कार्य निर्वहन में बाधा पहुंचाना) और 353 (लोकसेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बता दें कि यूएपीए के तहत दर्ज मामले गैर जमानती होते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को अब तक किसी भी आतंकी समूह के साथ आरोपियों के संबंध नहीं मिले हैं। सभी लोग सोशल मीडिया से संपर्क में आए थे और फिर फेसबुक पर भगत सिंह ‘फैन पेज’ से जुड़े थे।

आरोपियों को रिमांड वकील उपलब्ध कराया

पुलिस ने अदालत15 दिन की रिमांड मांगी थी लेकिन आरोपियों के रिमांड वकील ने कहा कि जांच के लिए 5 दिन काफी हैं। इसके बाद कोर्ट ने आरोपियों को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। बता दें कि इससे पहले पुलिस चार आरोपियों नीलम आजाद, अमोल, सागर शर्मा और मनोरंजन डी को गिरफ्तार कर चुकी है, जिन्हें गुरुवार (14 दिसंबर) को दिल्ली की एक अदालत में पेश करने के बाद 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों आरोपियों को रिमांड वकील उपलब्ध कराया है।

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