एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) की रिपोर्ट के मुताबिक 1,618 में से करीब 16 प्रतिशत यानी 252 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनपरआपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से भी करीब 10 प्रतिशत यानी 161 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनपर गंभीर मामले दर्ज हैं। बता दें कि हत्या, किडनैपिंग जैसे अपराध गंभीर मामलों में शामिल होते हैं। वहीं, सात उम्मीदवारों पर हत्या और 19 पर हत्या की कोशिश के मामले दर्ज हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले 18 उम्मीदवारों के खिलाफ दर्ज हैं। इनमें से एक पर तो रेप का मामला भी दर्ज है। रिपोर्ट के मुताबिक 35 उम्मीदवारों पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।
हमारे देश की राजनीति में दागियों और बाहुबलियों का हमेशा से बोलबाला रहा है। हर पार्टी ऐसे उम्मीदवारों को टिकट देती आई है। बिहार, उत्तर प्रदेश इस मामले में अन्य राज्यों से आगे रहा है। लालू प्रसाद यादव की आरजेडी ने पहले चरण में चार उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं और इन चारों पर ही आपराधिक मामले दर्ज हैं। एमके स्टालिन की डीएमके ने 13, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने 3, ममता बनर्जी की टीएमसी ने 2, सत्ताधारी बीजेपी ने 28 और कांग्रेस ने 19 ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं, जिनपर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से लालू यादव की राजद के 2, स्टालिन की डीएमके के 6, समाजवादी पार्टी के 2, टीएमसी के 5, भारतीय जनता पार्टी के 14, अन्नाद्रमुक के 6, कांग्रेस के 8 और बहुजन समाज पार्टी के 8 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) की रिपोर्ट में सामने आई है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पहले चरण में 28 प्रतिशत यानी 450 उम्मीदवार करोड़पति हैं। करोड़पति उम्मीदवारों के पास औसत संपत्ति 4.51 करोड़ रुपये है। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमल नाथ के पुत्र नकुल नाथ जो छिंदवाड़ा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार हैं उन्होंने अपने पास 716 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति होने की बात एफिडेविट में बताई है। उनके बाद नाम आता है तमिलनाडु की इरोडे सीट से अन्नाद्रमुक के उम्मीद अशोक कुमार का, जिनके पास 662 करोड़ रुपये की संपत्ति है। तीसरे नंबर पर तमिलनाडु से बीजेपी प्रत्याशी देवनाथन यादव टी. का नाम है जो शिवगंगा सीट से बीजेपी उम्मीदवार बनाये गए हैं उनके पास 304 करोड़ की संपत्ति है।