महाराष्ट्र से विरोधाभासी खबरें
इधर, महाराष्ट्र से फिलहाल विरोधाभासी खबरें आ रही हैं। महा विकास अघाड़ी के पार्टनर शिवसेना उद्धव, एनसीपी शरद पवार गुट और कांग्रेस के बीच सहमति के बावजूद मनमाने तरीके से प्रत्याशियों के नामों की घोषणा ने हालात को फिर से उलझा दिया है। कांग्रेस की तरफ से संजय निरुपम ने तो बगावती तेवर ही अपना लिए और अपनी ही पार्टी को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दे दिया। साथ ही उद्धव गुट और कांग्रेस की ओर से नामों की घोषणा से शरद पवार भी नाखुश बताए गए।
बड़े कांग्रेसी नेताओं में मची कन्नी काटने की होड़
हालांकि कांग्रेस ने किसी विवादित सीट से प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। राहत की बात यह है कि भाजपा, शिवसेना व एनसीपी अजित गुट के बीच भी सीट शेयरिंग को लेकर घमासान मचा है। राजस्थान हो चाहे उत्तर भारत के अन्य राज्य, कांग्रेस में दलबदल की भगदड़ के बाद कन्नी काटने की बड़े कांग्रेसी नेताओं में होड़-सी मची हुई है। राजस्थान में राजसमंद से पार्टी प्रत्याशी घोषित किए गए सुदर्शन सिंह रावत ने तो टिकट लौटाने के साथ ही बड़े नेताओं पर आलाकमान को अंधेरे में रखने का आरोप लगा दिया। इससे अंदरूनी हालात जगजाहिर हो गए हैं।