
Lumpy Virus Has Killed More Than 1200 Animals in 16 Dist of Gujarat
Lumpy Skin Virus in Gujarat: गुजरात में लंपी स्किन वायरस पशुओं पर कहर बनकर टूट रहा है। अब तक प्रदेश के 33 में से 16 जिलों में 1500 से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है। इससे पहले राज्य के पशुपालकों में दशहत का माहौल है। स्थिति इतनी भयावह है कि एक-एक किलोमीटर तक पशुओं के शव फेंके है। मृत पशुओं को उठाने के लिए 8 घंटे की वेटिंग की बात की जा रही है लेकिन तीन-तीन दिन बाद दस्ता पहुंच रहा है।
अकेले केवल कच्छ जिले में 23 अप्रैल से 30 जुलाई तक 1010 मवेशियों की मौत हो चुकी है। हालांकि स्थानीय लोगों के अनुसार यह आंकड़ा 1500 से भी ज्यादा हो सकता है। भुज जिले के नागोर रोड में डम्पिंग साइट पर मृत मवेशियों के इतने शव पहुंचे कि इनको निपटाना मुश्किल हो गया है। करीब एक किमी के दायरे में मृत पशुओं के शव पड़े हैं। पशुपालन अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार कच्छ जिले में अभी 43,741 पशुओं का इलाज चल रहा है।
आप ने वीडियो शेयर कर सरकार पर किया हमला-
लंपी वायरस से मर रहे पशुधन को लेकर आम आदमी पार्टी ने सरकार पर हमला बोला है। आम आदमी पार्टी ने ट्वीटर पर एक वीडियो पोस्ट किया है। जिसमें काफी दूरी तक मृत पशुओं के शव फेंके दिख रहे हैं। इस वीडियो के साथ आप ने लिखा कि बेहद दर्दनाक! गुजरात में लपी वायरस की वजह से 5 हज़ार से ज़्यादा गाय माता की दर्दनाक मौत हो चुकी है। निकम्मी BJP सरकार हमारी गौ माता को वैक्सीन लगाने की जगह राज्य भर में अवैध शराब बेचने में लगी है।
पशुओं के मेले पर लगाई गई रोक-
दूसरी ओर राज्य सरकार के निर्देश पर पशुपालन विभाग ने रोग को फैलने से रोकने के लिए सर्वेक्षण, उपचार और टीकाकरण की गति बढ़ा दी है। बीमारी के कारण फिलहाल पशुओं के मेले के आयोजन पर भी रोक लगा दी गई है। राज्य के कृषि और पशुपालन मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि इस संक्रामक रोग की वजह से शनिवार तक 1,240 मवेशियों की मौत हो चुकी है। इस बीमारी से बचाव के लिए 5.74 लाख पशुओं को टीका दिया जा चुका है।
मंत्री बोले- 33 में से 17 राज्यों में फैला संक्रमण-
मंत्री ने आगे बताया कि यह संक्रामक रोग राज्य के 33 में से 17 जिलों में फैल चुका है और उनमें से ज्यादातर सौराष्ट्र क्षेत्र के हैं। प्रभावित जिलों में कच्छ, जामनगर, देवभूमि द्वारका, राजकोट, पोरबंदर, मोरबी, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, बनासकांठा, पाटण, सूरत, सुरेंद्रनगर, भावनगर अरवल्ली और पंचमहल शामिल है। बीमारी से बचाव के लिए राजकोट में बाहर से मवेशियों के आवागमन पर 21 अगस्त तक पाबंदी लगा दी है।
Updated on:
01 Aug 2022 08:02 am
Published on:
31 Jul 2022 11:58 pm
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