बस इस बात का इंतजार
महाराष्ट्र सरकार ने हजारों लोगों राहत देने वाला फैसला ले तो लिया है, लेकिन अभी इस पर अंतिम मुहर लगना बाकी है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप डब्ल्यू पाटिल ने बताया कि इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने रखा जाएगा।
यह भी पढ़ें – महाराष्ट्र से तीन साल पहले गुमशुदा युवक की रतलाम में मौत
कैबिनेट से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही सभी दर्ज मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। इस तरह अब तक दर्ज सभी केसों को वापस ले लिया जाएगा।
लोगों को मिली बड़ी राहत
महाराष्ट्र सरकार के प्रस्ताव को कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही हजारों लोगों को बड़ी राहत मिलेगा। दरअसल कई लोग कानूनी पचड़ों से आजाद हो जाएंगे।
इन मामलों के वापस लिए जाने से लोगों को को कोर्ट और पुलिस थाने के चक्कर लगाने से आजादी मिल जाएगी। यही नहीं उनके नाम से पुलिस कार्रवाई का टैग भी हट जाएगा।
मार्च 2020 से शुरू हुआ था लॉकडाउन
दरअसल, कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए 24 मार्च 2020 से पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था। धीरे-धीरे करके करीब 5 महीने तक लॉकडाउन बढ़ता रहा।
इतना ही नहीं कोरोना की दूसरी लहर आने पर भी 2021 में लॉकडाउन लागू किया गया था। लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए कानूनी कार्रवाई भी की गई थी।
ऐसे में जिन लोगों को लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन किया था, यानि लॉकडाउन के दौरान बेवजह घूमते पाए गए थे, उनके खिलाफ केस दर्ज हुए थे। ये केस आईपीसी की धारा 188 के तहत केस दर्ज किए गए थे।
यह भी पढ़ें – देश का पहला ऐसा राज्य, जो हो गया है पूरी तरह से कोरोना से मुक्त