
Maharashtra: नामांकन पत्र दाखिल करने के अंतिम दिन मंगलवार तक महाराष्ट्र विधानसभा के महासंग्राम में एनडीए (महायुति) और 'इंडिया' (एमवीए) यह स्पष्ट नहीं कर पाए हैं कि उनके गठबंधन का कौनसा दल आखिर कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। ऐसे में जबर्दस्त असमंजस का माहौल बना हुआ है। भाजपा ने जहां सबसे ज्यादा 146 प्रत्याशी घोषित किए है, वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस 102 नाम घोषित कर चुकी है। शिवसेना (यूबीटी) 83, शिवसेना (शिंदे) 78, एनसीपी (शरद) 76 और एनसीपी (अजित) 49 ने घोषित किए है। दोनों ही गठबंधन के इन 3-3 बड़े साझेदारों के अपने-अपने अन्य छोटे दलों से तालमेल को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ऐसे में लगता है मंगलवार को नामांकन दाखिले का काम पूरा होने के बाद खींचतान का यह दौर 4 नवंबर को नाम वापसी तक चरम पर रहेगा।
असमंजस का सबसे बड़ा कारण दोनों ही गठबंधनों में सीट शेयरिंग का फाइनल आंकड़ा घोषित न होना है। दोनों में अधिकृत रूप से यह स्पष्ट ही नहीं है कि गठबंधन की कौनसी पार्टी आखिर कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। एमवीए में अब तक जो अधिकृत जानकारी दी गई है उसके अनुसार कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव) और एनसीपी (शरद) में 85-85 सीटों पर लड़ने का फैसला हो चुका है, बाकी की 33 सीटों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसी तरह महायुति में मोटे तौर पर भाजपा 153 (छोटे दलों के लिए छोड़ी सीटों समेत), शिवसेना 80 और एनसीपी की 55 सीट तय हुई थी, लेकिन कम से कम 10 सीटों को लेकर विवाद पर्चा दाखिल करने के अंतिम दिन तक बना रहा।
नामांकन दाखिल करने का काम पूरा होने तक एनसीपी अजित ने मानखुर्द शिवाजीनगर से विवादास्पद नवाब मलिक को पर्चा भरवा कर चौंका दिया, वहीं भाजपा से दो नेताओं के बगावत की खबर आई। बोरीवली सीट से पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने टिकट न मिलने पर निर्दलीय पर्चा भर दिया वहीं मुंबादेवी सीट से भाजपा नेता शायना एनसी को शिवसेना शिंदे का टिकट दिए जाने से नाराज अतुल शाह ने भाजपा से बगावत कर दी।
जानकारों के अनुसार इस गठबंधनों में सीट बंटवारे में खींचतान का नतीजों पर बड़ा असर पड़ेगा, क्योंकि पूरे महाराष्ट्र में इस बार फाइट इतनी टाइट है कि किसी की छोटी सी भी चूक उसे कुर्सी से दूर कर सकती है। यही वजह है कि महायुति की सीट शेयरिंग की कमान भाजपा के दिग्गज अमित शाह ने खुद संभाल रखी है। वहीं कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के बीच चल रही रस्साकशी को महाराष्ट्र की राजनीति के पितामह कहे जाने वाले शरद पवार पर्दे के पीछे रह कर खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। इन दोनों में से जो अपने प्रयासों में ज्यादा सफल होगा उस गठबंधन के अवसर उतने ज्यादा बढ़ने वाले हैं।
Updated on:
30 Oct 2024 07:51 am
Published on:
30 Oct 2024 07:12 am
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