
TMC सांसद महुआ मोइत्रा (Photo-IANS)
तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा ने बिहार में 22 लाख मृत वोटरों के दावे पर चुनाव आयोग (ECI) के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। रविवार को उन्होंने कहा कि अगर यह दावा सही है, तो पिछले कई वर्षों के हर मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और ECI अधिकारी को जेल में होना चाहिए। यह बयान ECI की प्रेस कॉन्फ्रेंस के जवाब में आया, जिसमें आयोग ने बिहार में विशेष गहन संशोधन (SIR) के तहत 22 लाख मृत वोटरों की पहचान की बात कही थी।
ECI ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि बिहार में 22 लाख मृत वोटरों की मौत हाल के छह महीनों में नहीं, बल्कि कई वर्षों में हुई, और इन्हें मतदाता सूची में दर्ज नहीं किया गया। इस पर महुआ ने तंज कसते हुए कहा कि ECI की यह स्वीकारोक्ति उनकी नाकामी को दर्शाती है। उन्होंने सवाल उठाया कि इतने बड़े पैमाने पर मृत वोटरों का रिकॉर्ड न रखने की जिम्मेदारी किसकी है। महुआ ने ECI की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए।
ECI ने बिहार में SIR के तहत मतदाता सूची को शुद्ध करने का दावा किया, जिसमें 56 लाख वोटरों को ‘अनुचित’ करार दिया गया, जिसमें 22 लाख मृत वोटर और 34 लाख अन्य गलत प्रविष्टियां शामिल हैं। यह प्रक्रिया बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले शुरू की गई थी। महुआ ने इस प्रक्रिया को ‘लोकतंत्र के लिए खतरा’ बताया और कहा कि यह मतदाताओं के अधिकारों का हनन है। उन्होंने ECI पर BJP के इशारे पर काम करने का भी आरोप लगाया।
महुआ ने पहले भी ECI के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें 2023 के उस कानून को चुनौती दी गई थी, जो CEC और ECs की नियुक्ति में कार्यकारी हस्तक्षेप की अनुमति देता है। TMC और अन्य विपक्षी दल, जैसे कांग्रेस, ECI की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं, खासकर बिहार और दिल्ली में मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोपों के बाद।
महुआ मोइत्रा के इस बयान ने ECI की विश्वसनीयता पर तीखा सवाल उठाया है। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले यह विवाद और गहरा सकता है, क्योंकि विपक्ष ECI की निष्पक्षता को लेकर लगातार हमलावर है।
Updated on:
17 Aug 2025 10:37 pm
Published on:
17 Aug 2025 10:02 pm
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