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ना घर में बची, ना बाहर…! महिला नेता ने पिता पर लगाया यौन शोषण का आरोप, सुनाई रूह कंपा देनी वाली दास्तां

Khushbu Sundar: अभिनेत्री से राजनीतिज्ञ बनी खुशबू सुंदर ने कहा कि मलयालम फिल्म उद्योग में चल रहा 'मीटू' आंदोलन 'आपको तोड़ देता है।'

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Khushbu Sundar: मलयालम फिल्म उद्योग में #MeToo तूफान के बीच, अभिनेत्री से राजनेता बनी खुशबू सुंदर ने बुधवार को कहा कि सिनेमा में महिला पेशेवरों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को समाप्त करने के लिए केरल सरकार द्वारा गठित हेमा समिति "बहुत जरूरी" थी। अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर उन्होंने कहा कि "हमारे उद्योग में प्रचलित "MeToo" पल आपको तोड़ देता है" साथ ही उन्होंने महिलाओं से समझौता न करने का आग्रह किया। न्यायमूर्ति हेमा समिति का गठन अभिनेत्री पर 2017 के हमले के मद्देनजर किया गया था और इसकी रिपोर्ट पिछले सप्ताह जारी की गई थी। 235 पन्नों की रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामलों पर प्रकाश डाला गया है। सुंदर ने एक्स पर एक लंबी पोस्ट में लिखा, "उन महिलाओं को बधाई जिन्होंने अपनी जमीन पर डटे रहकर जीत हासिल की।"

करियर बनाने के लिए महिला क्यों करे समझौता?

उन्होंने कहा, "दुर्व्यवहार, सेक्सुअल रिलेशन की मांग और महिलाओं से यह अपेक्षा कि वे अपने पैर जमाने या अपने करियर को गति देने के लिए समझौता करेंगी, हर क्षेत्र में मौजूद है। एक महिला से अकेले ही यह सब सहने की उम्मीद क्यों की जाती है? हालांकि पुरुषों को भी इसका सामना करना पड़ता है, लेकिन इसका खामियाजा महिलाओं को ही भुगतना पड़ता है।" शर्म का डर, पीड़ित को दोषी ठहराना और "तुमने ऐसा क्यों किया?" जैसे सवाल उन्हें तोड़ देते हैं। भाजपा नेता खुशबू सुंदर ने कहा कि पीड़ित आपके या मेरे लिए अजनबी हो सकता है, लेकिन उसे हम सभी से "भावनात्मक समर्थन" की आवश्यकता है।

पिता ने ही किया था यौन शोषण

उन्होंने कहा, "जब हम पूछते हैं कि वह पहले क्यों नहीं सामने आई, तो हमें उसकी परिस्थितियों पर विचार करने की आवश्यकता है - हर किसी को बोलने का विशेषाधिकार नहीं है।" अपने पिता द्वारा यौन शोषण पर खुशबू सुंदर खुशबू सुंदर ने कहा कि कुछ लोग उनसे पूछते हैं कि उन्होंने अपने पिता द्वारा दुर्व्यवहार के बारे में बोलने में इतना समय क्यों लगाया। उन्होंने लिखा, "मैं मानती हूं कि मुझे पहले ही बोल देना चाहिए था। लेकिन मेरे साथ जो हुआ, वह मेरे करियर को बनाने के लिए कोई समझौता नहीं था। मेरे साथ उस व्यक्ति ने दुर्व्यवहार किया, जिसे गिरने पर मुझे संभालने के लिए सबसे मजबूत हाथ देने थे।"

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की सदस्य खुशबू सुंदर ने पिछले साल कहा था कि जब वह आठ साल की थीं, तब उनके पिता ने उनका यौन शोषण किया था। अभिनेत्री-राजनेता ने पिछले साल एक टाउन हॉल में बताया था कि जब वह 15 साल की थीं, तब उन्होंने अपने पिता के खिलाफ विद्रोह करना शुरू कर दिया था, जिसके बाद पिता ने परिवार को छोड़ दिया था।