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बीजेपी के हाथ से निकला एक और राज्य, 2024 से पहले दक्षिण के बाद पूर्वोत्तर से भी आई बुरी खबर

हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में विजय पताका फहराने वाली बीजेपी के लिए दक्षिण भारत के बाद पूर्वोत्तर से भी बुरी खबर आई है।

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रविवार 3 दिसंबर को चार राज्यों में आये चुनाव परिणाम के बाद आज सोमवार को मिजोरम के परिणाम जारी हुए। जिसमें मिजोरम की जानता ने जोरम पीपुल्स मूवमेंट को एकतरफा समर्थन दिया। जेडपीएम ने यहां की 40 में से 27 सीटों पर जीत दर्ज की। जबकि सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट महज 10 सीटों पर सिमट गई। वहीं भाजपा के हाथ सिर्फ 2 सीटें लगीं और देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस जैसे-तैसे 1 सीट पर सिमट कर रह गई। एक तरफ भाजपा को जहां हिंदी पट्टी के राज्यों से अपार समर्थन मिल रहा है वहीं दक्षिण और पूर्वोत्तर से उनके लिए अच्छी खबर नहीं आ रही है। मणिपुर हिंसा के कारण लोगों में जो गुस्सा है उसका प्रभाव भी यहां देखने को मिला। मणिपुर बीजेपी के बड़े नेता ने तो चुनाव प्रचार के दौरान यह तक कह दिया था कि पीएम मोदी यहां प्रचार करने न आएं वहीं हमारे लिए ठीक रहेगा।

बीजेपी और कांग्रेस को झटका

मिजोरम विधानसभा चुनाव में जोरम पीपुल्स मूवमेंट की आंधी चली। जेडपीएम ने एकतरफा मुकाबले ने कई बड़े खिलाडियों को मात देते हुए 40 में से 27 सीटों पर जीत हासिल कर पूर्ण बहुमत प्राप्त कर ली है। इलेक्शन कमिशन के आधिकारिक वेबसाइट से आए आंकड़ों के मुताबिक राज्य में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट को करारा झटका लगा है और सीएम जोरामथंगा की पार्टी महज 10 सीट पर ही जीत हासिल कर सकी है। खुद मुख्यमंत्री जोरामथांगा और डिप्टी सीएम तावंलुइया अपनी सीट नहीं बच पाए।

दूसरी ओर बीजेपी की बात करें तो राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में शानदार जीत हासिल करने के बाद पार्टी उम्मीद कर रही थी कि यहां से भी उन्हें खुशखबरी मिलेगी। लेकिन मणिपुर हिंसा को लेकर यहां के लोगों में बीजेपी से प्रति नाराजगी साफ़-साफ नजर आई जिस वजह से पार्टी 23 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बाद भी केवल 2 सीटों पर की सिमट गई।