भारत को सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए मोदी सरकार ने 76 हजार करोड़ की पीएलआई (Production-LInked Incentive) स्कीम को मंजूरी दी है। इस स्कीम से देशभर में सेमीकंडक्टर (Semiconductor) निर्माण और उससे संबंधित उत्पादनों को बढ़ावा मिलेगा। देश में BHEL, MOSCHIP Tech और Bosch जैसी कंपनियों को लाभ मिलेगा। टाटा ग्रुप भी सेमीकंडक्टर का प्लांट लगाने पर विचार कर रहा है। सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की इस योजना से भारत की दूसरे देशों पर निर्भरता कम होगी। इसके अलावा मोदी सरकार भीम एप और RUPAY के जरिए डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए भी पीएलआई स्कीम की जानकारी दी है।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सेमीकंडक्टर के निर्माण के लिए पीएलआई स्कीम को मंजूरी दे दी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस पर जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा है कि छह साल में इस योजना पर 76,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
कैबिनेट की मंजूरी पर मीडिया से बातचीत में अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह योजना देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बोर्ड के निर्माण को बढ़ावा देगी।
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना से देश में आने वाले 6 वर्षों में सेमीकंडक्टर चिप्स का एक कंप्लीट इकोसिस्टम विकसित किया जाएगा। इसमें सेमीकंडक्टर डिजाइन, कंपोनेंट्स का निर्माण और डिस्प्ले फैब्रिकेशन यूनिट्स की स्थापना शामिल है।
इस योजना के अलावा, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरलार ने UPI और Rupay डेबिट कार्ड के जरिए लो वैल्यू ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए भी इंसेटिव स्कीम को मंजूरी दी है। इस स्कीम पर लगभग 1,300 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
सरकार का उद्देश्य इसके जरिए Rupay डेबिट कार्ड और BHIM-UPI के जरिए डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना है और देश में डिजिटल भुगतान को मजबूत करना है।
बता दें कि कोरोना महामारी के कारण आज दुनिया गंभीर चिप संकट से जूझ रही है। इससे जुड़ी दुनियाभर में 169 इंडस्ट्री इस संकट से प्रभावित हुई हैं। वर्ष 2022 में चिप संकट और गहरा सकता है।
Updated on:
15 Dec 2021 06:44 pm
Published on:
15 Dec 2021 06:39 pm
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