पशुधन को लेकर क्या बोले केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “आज पशुधन गणना कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है। यह गणना हर पांच साल बाद की जाती है और इससे पता चलता है कि विभिन्न प्रकार के पशुधन की संख्या कितनी है। उनकी संख्या में क्या सुधार हुआ है। इस नस्ल के कितने पशुधन हैं। मुर्गी पालन में क्या विकास हुआ है। यह हर क्षेत्र में पशुओं के माध्यम से होता है। बीमारियों के नियंत्रण में, जब उनकी संख्या के अनुसार रिपोर्ट आती है तो उसके आधार पर उनके उत्थान के लिए जो नीति बनानी होती है, उसमें बहुत मदद मिलती है। जी-20 के माध्यम से मिलने वाला महामारी कोष, पशु धन को होने वाली बीमारियां और उनके उपचार के लिए अस्पताल, उनमें कोई विकास नहीं है। इन सब चीजों पर ध्यान दिया जाता है। इसलिए, आज इन सारे कार्यक्रमों का शुभारंभ किया गया है और आने वाले समय में यह पशुधन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।” उन्होंने कहा कि हमारे देश में दूध उत्पादन और बढ़ेगा। पशुओं को एफएमडी मुक्त करने के लिए हम टीकाकरण कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य 2025 तक इन बीमारियों पर नियंत्रण करना है। हम 2030 तक पूरे देश में पशुओं को बीमारी मुक्त कर देंगे ताकि हम पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए निर्यात में मदद कर सकें। उल्लेखनीय है कि पशुधन गणना में 16 प्रजातियों की 219 देसी नस्लों का दस्तावेजीकरण किया जाएगा, जिन्हें नेशनल ब्यूरो ऑफ एनीमल जेनेटिक्स रिसोर्सेज द्वारा मान्यता प्राप्त है। पशुपालन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले व्यक्ति की लिंग जानकारी एकत्र की जाएगी, जिससे डेटा में एक सामाजिक आयाम जुड़ जाएगा। ये आंकड़े पशुपालन और डेयरी क्षेत्रों में कार्यक्रमों के डिजाइन और कार्यान्वयन के लिए बुनियादी डेटा प्रदान करेगी। पशुओं की संख्या, वितरण और नस्ल विविधता को लेकर यह गणना सतत क्षेत्रीय विकास के लिए नीतियों और संसाधन आवंटन में मददगार होगी।