पुलिस ने प्रेस कांफ्रेस में क्या बताया
पलामू की एसपी रिष्मा रमेशन ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस की ओर से चलाए गए ऑपरेशन के दौरान सीताराम रजवार को पकड़ा गया। माओवादी संगठन में उसका ओहदा जोनल कमांडर का है। उसके साथ 15 लाख का इनामी नितेश यादव भी था, लेकिन पुलिस टीम को देखते ही वह अंधेरे का फायदा उठाकर अपने दस्ते के साथ भागने में सफल रहा।
1995 में दर्ज किया गया था पहला मुकदमा
एसपी ने बताया कि सीताराम रजवार बिहार के औरंगाबाद जिला अंतर्गत एनटीपीसी खैरा थाना क्षेत्र के सलैया गांव का रहने वाला है। वह बिहार और झारखंड दोनों राज्यों में बड़े नक्सली कांडों में शामिल रहा है। पलामू जिले में उसके खिलाफ 28 केस दर्ज हैं। जबकि, बिहार, औरंगाबाद और गया जिलों के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में उस पर 23 एफआईआर दर्ज हैं। वह 35-40 वर्षों से माओवादी दस्ते में शामिल था। उसके खिलाफ वर्ष 1995 में पहला मुकदमा दर्ज किया गया था। सीताराम एके-56 लेकर चलता था। वर्ष 2001 में बिहार के माली थाने पर हमला बोलकर छह पुलिसकर्मियों की हत्या और हथियारों की लूट, औरंगाबाद जिले में एक जमींदार की हत्या, मोनबार में जन अदालत लगाकर चार लोगों को फांसी पर चढ़ा देने, वर्ष 2009 में विधानसभा चुनाव के समय झारखंड के मोहम्मदगंज थाना क्षेत्र में पोलिंग पार्टी पर हमला, काला पहाड़ में पुलिस वाहन को उड़ाने जैसी घटनाओं की अगुवाई सीताराम रजवार ने ही की थी।