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National Emblem Controversy: विपक्ष की आपत्ति के बीच सामने आया नए राष्ट्रीय चिह्न बनाने वाले मूर्तिकार का रिएक्शन, जानिए क्या कहा

संसद भवन की नई इमारत को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। विपक्ष ने राष्ट्रीय चिन्ह के अनावरण के साथ ही इसकी बनावट को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस बीच नए राष्ट्रीय चिन्ह को बनाने वाले कलाकार सुनील देवड़े की पहली प्रतिक्रिया भी सामने आई है।

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National Emblem Controversy Sculptor Sunil Deore Give Reaction Amidts Opposition Objection

National Emblem Controversy Sculptor Sunil Deore Give Reaction Amidst Opposition Objection

नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किए जाने के बाद शुरु हुए विवाद के बीच राष्ट्रीय चिन्ह बनाने वाले कलाकार की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। दरअसल विपक्षी दलों के सदस्यों और कार्यकर्ताओं ने सरकार पर अशोक की लाट के ‘मोहक और राजसी शान वाले’ शेरों की जगह उग्र शेरों का चित्रण कर राष्ट्रीय प्रतीक के रूप को बदलने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे तत्काल बदलने की मांग की। वहीं बढ़ते विवाद के बीच चिन्ह डिजाइन करने वाले कलाकार सुनील देवड़े का रिएक्शन भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रतीक के चरित्र में कोई बदलाव नहीं है।


संसद भवन की नई इमारत पर राष्ट्रीय चिह्न का अनावरण होते ही इस पर विवाद छिड़ गया है। दरअसल पीएम मोदी ने सोमवार को संसद भवन की नई इमारत की छत पर राष्ट्रीय चिह्न का अनावरण किया था।

विपक्ष का आरोप है कि राष्ट्रीय चिह्न के साथ छेड़छाड़ कर उसे बदल दिया गया है। इसमें बने हुए शेर सारनाथ में स्थित स्तंभ से अलग हैं।

यह भी पढ़ें - अशोक स्तंभ के डिजाइन में बदलाव! विपक्ष ने लगाए आरोप, जानिए क्या कहता है कानून?


राष्ट्रीय चिह्न पर विवाद के बीच इसे डिजाइन करने वाले मूर्तिकार सुनील देवड़े का पहला रिएक्शन सामने आया है। सुनील देवड़े ने कहा कि, 'उनकी ओर से बनाई गई मूर्ति और मूल संरचना के बीच कुछ मामूली अंतर हो सकता है।

उन्होंने बताया कि मूर्ति कांस्य से बनी हुई है, जिसका वजन 9.5 टन है। हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि, राष्ट्रीय प्रतीक के चरित्र में कोई बदलाव नहीं हैं।

विपक्ष के कई नेताओं ने सरकार पर राष्ट्रीय चिह्न के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। साथ ही इन आरोपों के पीछे कई कानूनी और एतिहासिक तर्क भी दिए हैं।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता थॉमस इसाक ने कहा है, 'अशोक स्तम्भ जैसे राष्ट्रीय प्रतीकों को अपवित्र करने का अधिकार किसी को नहीं है। मोदी ने राष्ट्रीय प्रतीक पर दुबले, शांत और शालीन शेरों को ग़ुस्सैल, तंदुरुस्त और ख़तरनाक शेरों में बदल दिया है।

वहीं भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष के इन तमाम आरोपों को खारिज करते हुए जवाब में कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय प्रतीक में कोई फेरबदल नहीं किया है।


राष्ट्रीय प्रतीक को डिजाइन करने वाले 49 वर्षीय सुनील देवड़े जाने माने कलाकार हैं। उन्होंने जेजे जेजे स्कूल ऑफ ऑर्ट्स से मूर्तिकला में गोल्ड मेडल हासिल किया है।

यही नहीं सुनील देवड़े इससे पहले अजंता एलोरा विजिटर सेंटर में अजंता एलोरा गुफाओं की रेप्लिकाएं भी बना चुके हैं। इस रेप्लिका की कीमत 125 करोड़ रुपए बताई जाती है।

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