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जेल से रिहा होने से पहले नवजोत सिंह सिद्धू को लगा झटका, Z+ सिक्योरिटी को घटाकर किया Y कैटेगरी

Sidhu's Z+ Security Reduced To Y Category: नवजोत सिंह सिद्धू आज जेल से रिहा होने वाले हैं। पर जेल से रिहा होने से पहले सिद्धू को एक झटका लग गया है। पहले सिद्धू को Z+ सिक्योरिटी मिली हुई थी। पर अब इसे घटाकर Y कैटेगरी करने का फैसला लिया गया है।

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पूर्व भारतीय क्रिकेटर और राज्यसभा सांसद नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) आज जेल से रिहा होने वाले हैं। सिद्धू पिछले साल 20 मई से पटियाला जेल में कैद हैं। उन्हें पिछले साल मई में ही एक साल की जेल की सज़ा दी गई थी और आज उनकी रिहाई होने वाली है। इस बात की जानकारी खुद सिद्धू के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से उनकी टीम ने शेयर की। पहले सिद्धू की रिहाई 16 मई को होने वाली थी। पर इसे 45 दिन घटाकर उन्हें आज शनिवार, 1 अप्रैल को जेल से रिहा किया जा रहा है। पर सिद्धू की सज़ा ही ऐसी चीज़ नहीं है जिसे घटाया गया है। सिद्धू की सिक्योरिटी को भी घटाया जा रहा है।


रिहा होने से पहले लगा सिद्धू को झटका


आज जेल से रिहा होने से पहले ही पूर्व पंजाब काँग्रेस अध्यक्ष सिद्धू को झटका लग गया है। उनकी सिक्योरिटी को घटाकर Y कैटेगरी करने का फैसला लिया गया है। जेल जाने से पहले उन्हें Z+ सिक्योरिटी मिली हुई थी। यह फैसला सरकार की तरफ से लिया गया है और इसका ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है।


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किस वजह से जेल में बंद थे सिद्धू?

नवजोत सिंह सिद्धू 1988 के एक मामले में जेल की सज़ा काट रहे थे। दरअसल 27 दिसंबर 1988 की शाम को सिद्धू अपने दोस्त के साथ पटियाला की शेरावाला गेट मार्केट पहुँचे थे। इस मार्केट में कार पार्किंग को लेकर सिद्धू की एक 65 साल के बुज़ुर्ग गुरनाम सिंह से बहस हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि हाथापाई की नौबत आ गई। सिद्धू ने गुरनाम को घुटना मारकर नीचे गिरा दिया। इसके बाद गुरनाम को अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उसकी मौत हो गई। रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि गुरनाम की मौत हार्ट अटैक से हुई थी।

इस मामले में सिद्धू और उनके दोस्त के खिलाफ केस चला, जिसे 1999 में सेशन कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था। 2002 में पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट ने उन पर केस किया था। 2006 में सिद्धू और उनके दोस्त को हाई कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या और रोड रेज के जुर्म में 1 हज़ार रुपये जुर्माने के साथ 3-3 साल की सज़ा सुनाई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी थी। 2018 में यह मामला फिर हाई कोर्ट पहुँचा और सिद्धू और उनके दोस्त को रोड रेज के जुर्म में एक बार फिर 3-3 साल की सज़ा सुनाई गई। पर सुप्रीम कोर्ट ने इसे ख़ारिज कर दिया।

पर रोड रेज के जुर्म में सिद्धू को पुनर्विचार याचिका पर पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने मई में एक साल की सज़ा सुनाई थी। इसी वजह से सिद्धू पंजाब की पटियाला जेल में बंद थे।

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