
भारतीय मुद्रा अब इस देश में भी चलेगी। (फोटो: X Handle/ @hello _4_india)
Indian Currency in Nepal: अगर आप सर्दियों की छुट्टियों या न्यू ईयर पर नेपाल घूमने का प्लान बना रहे हैं या वहां व्यापार के सिलसिले में आपका आना-जाना लगा रहता है, तो आपके लिए एक बहुत बड़ी राहत की खबर है। अब आपको नेपाल बॉर्डर या एयरपोर्ट पर अपने 200 और 500 रुपये के नोटों (INR 200 and 500 notes in Nepal) को खुल्ला कराने या बदलने की टेंशन नहीं लेनी होगी। नेपाल सरकार ने लगभग एक दशक बाद भारतीय करेंसी (India Nepal currency rules) को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है, जिससे पर्यटकों और व्यापारियों के चेहरे खिल उठे हैं। सरकार ने 200 और 500 रुपये के भारतीय नोटों (Indian Currency in Nepal) पर लगा लंबा प्रतिबंध हटा दिया (Nepal lifts ban on Indian notes) है। इसका सीधा मतलब यह है कि अब आप भारत से नेपाल जाते समय अपनी जेब में 100 रुपये से बड़े नोट भी रख सकते हैं। नेपाल के सूचना व संचार मंत्री और सरकार के प्रवक्ता जगदीश खरेल ने इस आशय की आधिकारिक पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में भारत और नेपाल के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह अहम फैसला लिया गया है।
खुशखबरी के साथ एक छोटा सा नियम भी है, जिसे नजरअंदाज करना आपको भारी पड़ सकता है। नेपाल सरकार ने नोटों से बैन तो हटा लिया है, लेकिन कैश ले जाने की एक सीमा तय (Limit) कर दी है।
नोटों की लिमिट: एक व्यक्ति (चाहे वह भारतीय हो या नेपाली) अपने साथ अधिकतम 25,000 रुपये तक ही भारतीय करेंसी ले जा सकता है।
आयात-निर्यात: यह नियम भारत से नेपाल जाने और नेपाल से भारत वापस आने, दोनों पर लागू होगा।
केवल वे नोट ही मान्य होंगे जो 9 नवंबर, 2016 (नोटबंदी) के बाद जारी किए गए हैं। इसका मतलब भारत की नई सीरीज के नोट ही चलेंगे।
आपको याद होगा कि 2016 में भारत में नोटबंदी हुई थी। उस वक्त भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पुराने नोट बंद कर दिए थे। चूंकि नेपाल में भारतीय मुद्रा बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होती है, इसलिए वहां की सरकार घबरा गई थी और उन्होंने 100 रुपये से ऊपर के सभी भारतीय नोटों (200, 500 और 2000) पर रोक लगा दी थी।
आरबीआई ने हाल ही में विदेशी मुद्रा प्रबंधन नियमों (FEMA) में बदलाव करते हुए नेपाल को उच्च मूल्य वाले नोटों का आयात-निर्यात करने की छूट दी है। भारत की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद, नेपाल सरकार ने भी अपनी तरफ से प्रतिबंध हटा लिया है। दरअसल, नेपाल की अर्थव्यवस्था बहुत हद तक भारत पर निर्भर है और इस बैन से वहां के पर्यटन और छोटे व्यापारियों को बहुत दिक्कत हो रही थी।
यह फैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि भारत और नेपाल के रिश्ते केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि 'रोटी-बेटी' के हैं। आइए आंकड़ों से समझते हैं कि यह दोनों देश एक-दूसरे के लिए कितने जरूरी हैं:
भारत, नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। नेपाल अपनी जरूरत का लगभग सारा सामान—पेट्रोल-डीजल, गाड़ियां, दवाइयां और मशीनरी-भारत से ही खरीदता है। नेपाल के कुल व्यापार में भारत का हिस्सा दो-तिहाई से भी ज्यादा है। खुली सीमा होने के कारण हर रोज हजारों ट्रक सामान इधर से उधर जाता है। ऐसे में बड़े नोटों के चलने से छोटे व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों को कैश पेमेंट में आसानी होगी।
नेपाल में काम करने और रहने वाले भारतीयों की संख्या काफी बड़ी है। आंकड़ों के मुताबिक, नेपाल में लगभग 6 से 8 लाख भारतीय रहते हैं। इनमें बड़ी संख्या में व्यापारी, इंजीनियर, मजदूर और प्रोफेशनल्स शामिल हैं, जो वहां के विकास में योगदान दे रहे हैं। अब उन्हें अपनी कमाई भारत भेजने या साथ लाने में आसानी होगी।
भारत में काम करने वाले नेपाली नागरिकों की संख्या तो और भी ज्यादा है। एक अनुमान के मुताबिक, करीब 60 से 80 लाख नेपाली नागरिक भारत में रहते और काम करते हैं। ये लोग सिक्योरिटी गार्ड से लेकर सेना (गोरखा रेजीमेंट), होटल इंडस्ट्री और घरेलू कामकाज तक में शामिल हैं। ये लोग जब अपने घर त्योहारों पर जाते हैं, तो उन्हें करेंसी एक्सचेंज कराने में बहुत दिक्कत होती थी, जो अब खत्म हो जाएगी।
बहरहाल, नेपाल सरकार का यह कदम दोनों देशों के लोगों के लिए फायदे का सौदा है। हालांकि, नोटबंदी के समय का करीब 5 करोड़ रुपये का पुराना भारतीय कैश अभी भी नेपाल के बैंकिंग सिस्टम में फंसा हुआ है, जिसका समाधान होना बाकी है। लेकिन फिलहाल, 200 और 500 के नए नोटों की एंट्री ने यात्रा को सुगम बना दिया है। (ANI)
Updated on:
15 Dec 2025 09:53 pm
Published on:
15 Dec 2025 09:16 pm
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