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‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अवशेषों को वापस लाया जाए भारत’, बेटी ने स्वतंत्रता दिवस पर की अपील

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस फाफ ने अपने पिता के अवशेषों को वापस भारत लाने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने बताया है कि जापान की राजधानी टोक्यो में स्थित मंदिर पिता 'सुभाष चंद्र बोस' के संरक्षित अवशेषों से DNA निकालने की मंजूरी देने के लिए तैयार है।

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Abhishek Kumar Tripathi

Aug 15, 2022

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Netaji Subhas Chandra bose daughter Anita bose pfaff appeals brought bose remains back India independence day

भारत आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है, जिसके तहत पूरा देश स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करते हुए नमन कर रहा है। इसी बीच नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी 'अनीता बोस फाफ' ने कहा कि नेताजी के पूरे जीवन में देश की स्वतंत्रता से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं था, जिसके बाद उन्होंने भारत सरकार से अपने पिता के अवशेषों को वापस भारत लाने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जापान की राजधानी टोक्यो में स्थित मंदिर नेताजी के संरक्षित अवशेषों से DNA निकालने की मंजूरी देने के लिए तैयार है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जापान सरकार भी इस प्रक्रिया के लिए सहमत हो गई है।

अनीता बोस ने नेताजी की अस्थियों को उनकी मातृभूमि में वापस लाने की अपील करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि नेताजी के अवशेष कम से कम भारत की धरती पर लौट आए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस फाफ वर्तमान में जर्मनी में रह रहीं हैं, जो नेताजी की इकलौती संतान हैं।


नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस फाफ का मानना है कि दूसरे विश्व युद्ध के आखिरी हफ्तों में उनके पिता की मौत फॉर्मोसा में एक विमान हादसे में हुई थी। उनका कहना है कि नेताजी के संरक्षित अवशेषों से DNA निकालकर अब मॉडर्न टेक्नोलॉजी के जरिए टेस्टिंग की जा सकती है। जिन लोगों को अभी भी यह संदेह है कि नेताजी की मौत 18 अगस्त 1945 में नहीं थी, उनके पास टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में रखे अवशेष के जरिए वैज्ञानिक सबूत हासिल करने का मौका है।


अनीता बोस फाफ ने कहा कि भारत की आजादी के 75 साल बाद भी स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रमुख "नायकों" में से एक "नेताजी सुभाष चंद्र बोस" अभी तक अपनी मातृभूमि नहीं लौटे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने उनके लिए भौतिक और आध्यात्मिक स्मारकों का निर्माण करके उनके यादों को आज तक जीवित रखा है।


नेताजी की मौत इतिहास का सबसे बड़ा रहस्य

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने निधन को लेकर अलग-अलग दावे किए जाते हैं। एक दावा किया जाता है कि उनकी मौत हवाई जहाज दुर्घटना में हुई थी, यह दावा करते हुए जपानी अधिकारियों ने कुछ अवशेष एकत्रित करके टोक्यो के रेंकोजी मंदिर रखा है। इन अवशेषों की देखभाल तीन पीढ़ी के पुजारी करते आ रहे हैं।

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