
अपनी गाड़ी बेचनी हो तो अभी हम डीलर या रीसेल कंपनी को इसे सौंप देते हैं लेकिन अगले खरीदार के नाम पर रजिस्टर्ड होने तक वह सरकार के रिकार्ड में हमारे नाम ही होती है। ऐसे में कई बार महीनों तक तरह-तरह की दिक्कतें झेलनी होती हैं। कई मामलों में पुलिस और आरटीओ के चक्कर भी लगाने पड़ते हैं। खरीदार भी डीलर को ले कर अक्सर आशंकित होते हैं। केंद्र सरकार पुरानी गाड़ियां खरीदने और बेचने वालों की इन परेशानियों को देखते हुए अब रीसेल डीलर और कंपनियों के लिए पहली बार कड़े नियम बना रही है। किसी भी तरह की कार, बाइक, जीप, स्कूटी या कमर्शियल गाड़ी खरीदते-बेचते हुए ये नियम लागू होंगे।
- कार का सौदा पक्का होते ही डीलर को पूरी सूचना स्थानीय ट्रांसपोर्ट ऑथरिटी को देनी होगी।
- हर डीलर को चाहे वह ऑनलाइन काम करता हो या ऑफलाइन, लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।
- कार डीलरों को अपनी कंपनी या फर्म के बारे में भी पूरी जानकारी देनी होगी।
- नियमों के उल्लंघन पर कंपनी या फर्म का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही जुर्माने और सजा का भी प्रावधान होगा।
- डीलर को बेची गाड़ी के चोरी होने पर पूरी जवाबदेही डीलर की होगी और पुराने मालिक को इस संबध में कोई परेशानी नहीं झेलनी होगी।
- गाड़ी से कोई एक्सिडेंट हो जाने पर पुराने मालिक को अनावश्यक पुलिस के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
- कई बार चालान या उसके मैसेज पुराने ग्राहकों के पास आते हैं जिसकी वजह से वे परेशान होते हैं। इससे भी छुटकारा मिल सकेगा।
- नए खरीदार के नाम रजिस्ट्रेशन की चिंता बेचने वाले को नहीं करनी होगी। यह जिम्मा कानूनी रूप से डीलर का ही हो जाएगा।
- रजिस्ट्रेशन अपने नाम किए बिना डीलर और उसके लोग गाड़ियों का उपयोग करते हैं। इस पर अंकुश लगेगा।
- पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो सकेगी और खरीदने वाला भी निश्चिंत हो कर सौदा कर सकेगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि पहले से काम कर रहे कार डीलरों के अलावा अब कई ऑनलाइन कंपनियों (Cars 24, Olx, Spinny, Car dekho, Carwale, Cartrade) के उतरने के बाद पुरानी गाड़ियों की खरीद-बिक्री का बाजार बहुत बढ़ गया है। लेकिन इस समय इस पर किसी तरह की निगरानी या अंकुश नहीं है। अक्सर इस संबंध में शिकायतें आती रहती हैं, लेकिन नियमों के अभाव में अधिकारी कोई ठोस कदम नहीं उठा पाते।
इसी तरह जब तक गाड़ी डीलर के पास होती है सरकारी एजेंसियों के पास उसकी सही सूचना नहीं होती। अक्सर पुलिस गाड़ी के पुराने मालिक तक पहुंच जाती है। जबकि उनका मामले से कोई वास्ता नहीं होता। मामलों की जांच में भी इससे देरी होती है। इनका कहना है कि नए नियमों का मकसद ग्राहकों के हितों की रक्षा करना है।
भारत में ऑटोमोबाइल का बाजार बढ़ने के साथ ही पुरानी कार-बाइक की बिक्री भी तेजी से बढ़ रही है। पिछले वर्ष के दौरान भारत में 35 लाख यूज्ड कारें बेची गईं। एक बड़ी वित्तीय एजेंसी के अनुमान के मुताबिक भारत में वर्ष 2026 तक पुरानी कार का बाजार 70 लाख कार प्रति वर्ष तक पहुंच जाएगा। यानी महज चार साल में यह दुगना हो जाएगा।
Updated on:
21 Sept 2022 03:28 pm
Published on:
14 Sept 2022 07:17 pm
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