
पंजाब में बाढ़ का एक दृश्य। (Photo: IANS)
NRC assistance for flood displaced people: पिछले कुछ महीनों में भारत के पंजाब, कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। लाखों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या NRC (नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल), जो दुनिया के कई संकटग्रस्त इलाकों में शरणार्थियों (Flood displaced people help) की मदद करता है, क्या वह भारत (NRC flood relief India) में बाढ़ प्रभावित लोगों (Punjab flood victims NRC) की भी सहायता करेगा ? क्या वह उनके पुनर्वास (Kashmir flood rehabilitation) में मदद करेगा ? NRC एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो युद्ध, प्राकृतिक आपदा और संकट के कारण बेघर हुए लोगों को नई ज़िंदगी देने में मदद करता है। यह संगठन फिलिस्तीन, यूक्रेन, सीरिया जैसे देश में शरणार्थियों को सुरक्षित ठिकाना, स्वास्थ्य सुविधा और जीवनयापन का सहारा देता है। सवाल यह है कि क्या ये संगठन भारत जैसे देश में बाढ़ से प्रभावित इलाकों में भी इसी तरह सक्रिय होगा ?
पंजाब में लगभग 1.5 लाख लोग बाढ़ की वजह से घरों से निकले हैं। कश्मीर में यह संख्या लगभग 2 लाख के करीब है, जबकि हिमाचल प्रदेश में लगभग 50,000 से ज्यादा लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। इन सभी परिवारों को तत्काल आवास, खाने-पीने का सामान, और चिकित्सा सहायता की जरूरत है।
NRC की विशेषज्ञता शरणार्थियों को अस्थायी या स्थायी आवास दिलाने में है। अगर इस संगठन से स्थानीय और केंद्र सरकार मिलकर संपर्क करें, तो बाढ़ पीड़ितों के लिए अस्थायी शिविरों से लेकर पुनर्वास तक कई कदम उठाए जा सकते हैं। साथ ही, NRC तकनीकी और वित्तीय मदद भी दे सकता है, जिससे प्रभावित इलाकों में ज़िंदगी दोबारा पटरी पर आए।
NRC ने पहले भी पाकिस्तान और अफगानिस्तान में आए बड़े भूकंप के बाद प्रभावितों की सहायता की है। वहां के लोगों को बचाव, पुनर्वास और सुरक्षा प्रदान करने में इस संगठन ने अहम भूमिका निभाई। भारत में भी यदि इसके साथ सहयोग बढ़े तो यह बाढ़ पीड़ितों के लिए नई उम्मीद बन सकता है।
“NRC का प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय होना एक सकारात्मक पहल हो सकती है। पंजाब, कश्मीर और हिमाचल जैसे राज्यों में बाढ़ के कारण विस्थापित लोगों के लिए यह राहत की एक नई उम्मीद बन सकती है। स्थानीय प्रशासन और केंद्र सरकार को NRC से मिलकर जल्द से जल्द प्रभावी योजना बनानी चाहिए।”
पंजाब, कश्मीर और हिमाचल की राज्य सरकारों को चाहिए कि वे केंद्र सरकार और यूनाइटेड नेशंस के साथ NRC जैसे संगठनों से संपर्क करें। मिलकर योजना बनाकर बाढ़ प्रभावितों को राहत देनी होगी। साथ ही, दीर्घकालिक पुनर्वास की दिशा में भी काम किया जाए, ताकि लोग फिर से अपने पैरों पर खड़े हो सकें। भारत सरकार, यूनीसेफ और स्वयंसेवी संस्थाएं इसके लिए संपर्क कर पहल कर सकती है।
बहरहाल बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों को सुरक्षित घर मिलना सबसे जरूरी है। NRC जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन की मदद से भारत में भी राहत और पुनर्वास के काम को तेजी मिल सकती है। इसके लिए सरकारों को मिलकर प्रयास करने होंगे और समय रहते इस दिशा में कदम उठाने होंगे।
Updated on:
05 Sept 2025 06:08 pm
Published on:
05 Sept 2025 06:05 pm
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