
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा। (Photo-IANS)
पीएम-सीएम (PM-CM) को हटाने वाले बिल पर रालोम नेता और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा बयान दिया है। सविधान संशोधन विधेयक पर उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह मुख्यमंत्री हो या प्रधानमंत्री, अगर उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज है और वारंट जारी हुआ है, तो उन्हें जेल से शासन करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। यह संविधान का अपमान है। ऐसे लोगों को रोकने के लिए नया कानून बनाया जा रहा है। पहले लोग जेल जाने से पहले इस्तीफा देकर कानून का दुरुपयोग करते थे, लेकिन अब इस प्रथा को खत्म करने की जरूरत है।
विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा है। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि इस तरह के कानून का इस्तेमाल उनके नेताओं को टारगेट करने के लिए किया जा सकता है। इस सवाल के जवाब में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, "जिन्होंने अपराध किया है, केवल वही डर रहे हैं। निर्दोष व्यक्ति को कोई डर नहीं है। कानून सबके लिए बराबर है। कार्रवाई तभी होगी, जब आप कुछ गलत करेंगे। अगर आप कुछ गलत नहीं करेंगे, तो कार्रवाई क्यों होगी?" तेजस्वी यादव के खिलाफ दर्ज एफआईआर के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है और उन्हें इसका सामना करना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने बिहार दौरे के दौरान गयाजी में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए डेमोग्राफी मिशन शुरू करने का बड़ा ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि बिहार के लोगों के हितों की रक्षा के लिए यह अभियान शुरू किया जाएगा, ताकि घुसपैठिए स्थानीय लोगों की नौकरियों पर कब्जा न कर सकें। पीएम मोदी ने कहा कि हम घुसपैठियों को नौकरियां छिनने नहीं देंगे। इस पर भी रालोम प्रमुख व राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने प्रतिक्रिया दी है।
कुशवाहा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो गैर-कानूनी रूप से देश में रह रहा है, उसे यहां नहीं रहना चाहिए। अगर कोई यहां अवैध रूप से रहता है तो यह आपत्तिजनक है। कानूनी प्रक्रिया के तहत रहने वालों का स्वागत है, लेकिन अवैध तरीके से रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है।
Published on:
24 Aug 2025 08:39 am
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