
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। इस हमले में आतंकवादियों ने निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाया, जिसमें 26 लोगों की दर्दनाक मौत हुई। इस घटना ने पूरे भारत में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से की लहर दौड़ा दी है। इसी बीच, योग गुरु बाबा रामदेव ने पाकिस्तान की ताकत को लेकर सनसनीखेज बयान दिया है, जिसने कराची से लाहौर तक हड़कंप मचा दिया है।
बाबा रामदेव ने बेबाकी से कहा, “पाकिस्तान एक नापाक देश है, जो अपने आप में ही टूट रहा है। पख्तून, बलूचिस्तान और पीओके के लोग अपनी आजादी की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान में भारत से युद्ध करने की ताकत ही नहीं है। वह भारत के सामने चार दिन भी युद्ध में टिक नहीं सकता।” रामदेव ने पाकिस्तान की कमजोर स्थिति को उजागर करते हुए दावा किया कि वह आंतरिक संघर्षों से जूझ रहा है और बाहरी ताकत का मुकाबला करने की स्थिति में नहीं है।
बाबा रामदेव ने अपने बयान में एक और चौंकाने वाला दावा किया। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि जल्द ही हमें कराची और लाहौर में गुरुकुल खोलने पड़ेंगे।” यह बयान न केवल पाकिस्तान के लिए एक तीखा संदेश है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ताकत को भी दर्शाता है। रामदेव का यह दावा सनातन संस्कृति के वैश्विक विस्तार की उनकी महत्वाकांक्षा को रेखांकित करता है।
रामदेव ने सनातन धर्म की वैश्विक पहुंच पर बात करते हुए कहा, “जन्म से सनातनी शायद 100-150 करोड़ हों, लेकिन सनातन के विचारों और संस्कारों में श्रद्धा रखने वाले 300-400 करोड़ लोग हैं। आने वाले समय में यह संख्या 500 करोड़ से अधिक होगी।” उन्होंने दावा किया कि इस्लाम और ईसाई धर्म अपने कारणों से विश्वसनीयता खो चुके हैं, जबकि सनातन धर्म अपनी सहिष्णुता और समावेशी प्रकृति के कारण हजारों वर्षों से अडिग है।
पाकिस्तान को लेकर परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, “यह समय एकजुट होने और कड़े फैसले लेने का है। सनातन धर्म सबका सम्मान करता है, यही इसकी ताकत है। देश शरीयत से नहीं, संविधान से चलेगा।” स्वामी चिदानंद ने एनआरसी लागू करने की वकालत करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि देश में कानून और संविधान का पालन सुनिश्चित हो।
बाबा रामदेव के इन बयानों ने न केवल भारत में चर्चा का माहौल गर्म किया है, बल्कि पाकिस्तान में भी हलचल मचा दी है। कराची और लाहौर जैसे शहरों में उनके गुरुकुल खोलने के दावे ने पाकिस्तानी मीडिया और जनता के बीच बहस छेड़ दी है। रामदेव का यह बयान भारत की बढ़ती सांस्कृतिक और रणनीतिक ताकत का प्रतीक है, जो पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
पहलगाम हमले के बाद भारत का सख्त रवैया और बाबा रामदेव जैसे प्रभावशाली व्यक्तियों के बयान साफ संदेश दे रहे हैं कि भारत अब किसी भी तरह की आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं करेगा। सनातन संस्कृति और संवैधानिक मूल्यों की ताकत के साथ भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करेगा, बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी सांस्कृतिक विरासत को और मजबूत करेगा।
Updated on:
05 May 2025 09:18 am
Published on:
05 May 2025 09:17 am
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