
10th Board Exam Paper Leak: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) की 10वीं बोर्ड परीक्षा का प्रश्न पत्र गिरिडीह से लीक होने का मामला सामने आया है, जिसमें कोडरमा पुलिस ने मास्टरमाइंड कमलेश कुमार सहित छह युवकों को गिरिडीह के न्यू बरगंडा से गिरफ्तार किया है। अन्य गिरफ्तार आरोपियों में रोहित कुमार, मुकेश कुमार उर्फ धौनी शामिल हैं। पूछताछ में सामने आई कहानी बेहद चौंकाने वाली है—12वीं के छात्र कमलेश कुमार ने अपनी प्रेमिका को पास कराने के लिए अपने दोस्त के साथ मिलकर यह साजिश रची।
उसने मुकेश कुमार उर्फ धौनी के साथ मिलकर योजना को अंजाम दिया। ये सभी मजदूर के रूप में स्ट्रांग रूम पहुंचे थे। 7 फरवरी को ट्रक से प्रश्न पत्र अनलोड करने के दौरान उन्होंने ब्लेड से सीलबंद बोरे को काटकर हिन्दी और विज्ञान के 10-10 प्रश्न पत्रों का बंडल गायब कर लिया। इसके बाद वे न्यू बरगंडा स्थित अपने आवास पर पहुंचे, जहां उन्होंने प्रश्न पत्रों का पीडीएफ तैयार किया और उसे बेचना शुरू कर दिया। दोनों ने शहर व आसपास के कई कोचिंग संचालकों को प्रश्न पत्र की मूल कॉपी बेची, जिसमें कोडरमा के मरकच्चो के एक शिक्षक भी शामिल थे। जल्द ही ये पीडीएफ पूरे राज्य में वायरल हो गई।
मंगलवार की सुबह कोडरमा एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में छापेमारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा। पहले बरमसिया से रोहित कुमार को गिरफ्तार किया गया। इस घटना में स्ट्रांग रूम की भारी लापरवाही भी सामने आई है। जिला कोषागार पदाधिकारी अनंत मिश्रा ने बताया कि वज्रगृह के प्रभारी इंचार्ज लिपिक राहुल चंद्रा थे, जिनके साथ 9 सरकारी शिक्षक और एक पुलिस पदाधिकारी के अलावा 4-1 सुरक्षा कर्मी तैनात थे। 7 फरवरी को 2500 प्रश्नपत्रों का स्टॉक गिरिडीह पहुंचा था। सवाल उठता है कि 10वीं और 12वीं के छात्रों को मजदूर के रूप में प्रश्न पत्र उतारने का काम कैसे सौंपा गया? क्या किसी एजेंसी को ठेका दिया गया था, और उसकी जांच क्यों नहीं हुई? 9 शिक्षकों में से किसी ने इन छात्रों को पहचाना क्यों नहीं? जहां स्ट्रांग रूम बनाया गया, वहां न तो सीसीटीवी कैमरा लगा था और न ही अनलोडिंग का वीडियो रिकॉर्डिंग की गई—इसकी क्या वजह है? इन सवालों के जवाब अभी बाकी हैं।
इस बीच, पेपर लीक मामले को गंभीरता से लेते हुए जेएलकेएम के उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो ने सोमवार को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मुलाकात की और पेपर लीक से संबंधित सबूत सौंपे। उन्होंने सीबीआई जांच और फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की मांग की, साथ ही शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से श्वेत पत्र जारी करने का निर्देश देने की अपील की। देवेंद्र ने जैक अध्यक्ष और सचिव को तत्काल निलंबित करने, जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति, और चार्जशीटेड अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने बताया कि 19 फरवरी को उन्होंने जैक सचिव को पेपर लीक का सबूत सौंपा था, फिर भी 20 फरवरी को हुई साइंस परीक्षा और 18 फरवरी को हुई हिंदी परीक्षा के प्रश्न पत्र वायरल होने के बाद जैक ने दोनों परीक्षाएं रद्द कर दीं।
Published on:
27 Feb 2025 01:03 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
