
मानसून सत्र में इन मुद्दों को उठाएगी कांग्रेस, हंगामा होना तय
Congress in Monsoon Session 2023: संसद का मानसून सत्र भी हंगामेदार होगा। इस बात के संकेत आज हुई कांग्रेस की मीटिंग से मिले। 20 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र के लिए आज कांग्रेस ने यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के घर बैठक कर अपनी रणनीति तय की। बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पार्टी मानसून सत्र में क्या करेगी? किन-किन मुद्दों को उठाएंगी। पार्टी की ओर से दी गई जानकारी के बाद यह कयास लगाया जा रहा है कि संसद का मानसून सत्र भी हंगामेदार बीतेगा। क्योंकि पिछले सत्र में भी कांग्रेस द्वारा उठाए गए मुद्दों पर संसद में खूब हंगामा हुआ था। तब कांग्रेस ने अडानी मामले को खूब उठाया था। पार्टी ने अडानी मामले में जेपीसी गठन की मांग की थी। मानसून सत्र में भी कांग्रेस इस मुद्दे को उठाएगी।
बृजभूषण शरण सिंह के मामले पर भी होगा हंगामा
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन शोषण का आरोप का मुद्दा भी कांग्रेस उठाएगी। इसके साथ ही अदाणी मामले पर जेपीसी जांच की मांग भी कांग्रेस करेगी। जीएसटी को पीएमएलए यानी ईडी के अंतर्गत लाने के खिलाफ भी कांग्रेस संसद में आवाज उठाएगी, यही नहीं टमाटर समेत अन्य आवश्यक चीजों की बढ़ती मंहगाई का मुद्दा भी कांग्रेस उठाएगी।
'पार्लियामेंट्री स्ट्रैटजी ग्रुप' की बैठक में हुआ फैसला
कांग्रेस ने मीटिंग में हुई फैसले के बारे में ट्वीट कर भी जानकारी दी है। ट्वीट में लिखाआज हमारी 'पार्लियामेंट्री स्ट्रैटजी ग्रुप' की दूसरी बैठक हुई। इस बैठक में हमने मानसून सत्र को लेकर लम्बी चर्चा की। संसद में जो मुद्दे हमें उठाने हैं उसको लेकर हमने चर्चा की। यह मुद्दे हैं जिनपर पर चर्चा चाहेंगे 👇
• मणिपुर पर चर्चा
• रेल सुरक्षा पर चर्चा
• संघीय ढांचे पर आक्रमण पर चर्चा
• GST को PMLA के तहत लाने पर चर्चा
• महंगाई पर चर्चा
• UPA सरकार की योजनाओं को कमजोर करने पर चर्चा
• महिला पहलवानों के उत्पीड़न पर चर्चा
• अडानी मामले पर JPC की मांग
• अलग-अलग राज्यों के मुद्दे पर चर्चा
इसके अलावा जयराम रमेश ने बताया कि कांग्रेस दिल्ली अध्यादेश के मामले में केजरीवाल का समर्थन करेगी।जयराम रमेश ने कहा, संघीय ढांचे पर मोदी सरकार पर जो आक्रमण हो रहा है कांग्रेस हमेशा उसके खिलाफ रही है। उसका विरोध नहीं करने का सवाल ही नहीं उठता, यानी परोक्ष रूप से वह केंद्र सरकार के उस बिल का विरोध नहीं करेगी जोकि दिल्ली के लाया गया है।
Updated on:
16 Jul 2023 08:12 am
Published on:
15 Jul 2023 08:56 pm
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