
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Photo-ANI)
Defence Minister Rajnath Singh: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भाग ले रही महिला सैन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार भारतीय सेना और शांति मिशनों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए नीतियों को मजबूत कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार का लक्ष्य जेंडर गैप को समाप्त करना और महिलाओं को नेतृत्व व सेवा के समान अवसर प्रदान करना है। भारत, जो संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, ने हमेशा महिला अधिकारियों की भागीदारी का समर्थन किया है।
रक्षामंत्री ने 15 देशों की महिला अधिकारियों की उपस्थिति का स्वागत किया, जो संयुक्त राष्ट्र के महिला सैन्य पर्यवेक्षक कोर्स में भाग ले रही हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने भी अपनी मिशनों में महिला अधिकारियों की भागीदारी बढ़ाने की नीतियां अपनाई हैं। सिंह ने कहा, इस तरह के कोर्स के माध्यम से हम महिला अधिकारियों को जटिल शांति मिशनों के लिए तैयार करते हैं और हमारी सेना में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने महिला अधिकारियों को रोल मॉडल बताते हुए कहा कि उनकी मौजूदगी यौन हिंसा को रोकने, मानवीय सहायता तक पहुंच बढ़ाने और जमीनी स्तर पर जेंडर समानता को बढ़ावा देने में मदद करती है।
सिंह ने कहा कि महिला शांति सैनिक स्थानीय समुदायों, खासकर महिलाओं और बच्चों के साथ गहरा विश्वास स्थापित करती हैं, जो संघर्षग्रस्त समाजों के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण हैं। उनकी उपस्थिति न केवल यौन हिंसा को रोकती है, बल्कि स्थानीय महिलाओं और लड़कियों को शांति व सुरक्षा में सक्रिय भागीदार बनने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने भारत की शांति मिशनों की यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि 1960 के दशक में कांगो में महिला चिकित्सा अधिकारियों के साथ शुरू हुई यह यात्रा आज भी नई ऊंचाइयों को छू रही है।
रक्षामंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों को 'ब्लू हेलमेट' के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि नीला रंग विशाल आकाश और महासागरों का प्रतीक है, जो एकता, शांति और सुरक्षा का संदेश देता है। उन्होंने कहा, "शांति सैनिक आकाश की तरह सुरक्षा और महासागरों की तरह सीमाओं व संस्कृतियों को जोड़ने का काम करते हैं।" इस संदर्भ में, महिला शांति सैनिकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, जो विश्वास और प्रभावशीलता के नए आयाम जोड़ती हैं।
सिंह ने जोर दिया कि महिला अधिकारियों की शांति मिशनों में भागीदारी को संयुक्त राष्ट्र भी मान्यता देता है, क्योंकि वे मिशनों को अधिक प्रभावी बनाती हैं। भारत ने हाल के वर्षों में महिलाओं को सेना में स्थायी कमीशन, एनडीए में प्रवेश और युद्धक भूमिकाओं जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए, 2024 में 17 महिला कैडेट्स ने एनडीए से स्नातक किया, जो सैन्य नेतृत्व में जेंडर समानता की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
Published on:
22 Aug 2025 06:38 pm
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