
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपना 73 वां जन्मदिन मना रहे हैं। दुनिया में ऐसे बहुत कम नेता हुए हैं, जिन्हें जनता ने हमेशा सत्ता के शीर्ष पर रखा। प्रधानमंत्री मोदी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत तो काफी पहले हो गई थी। लेकिन उन्हें असली पहचान 2001 में गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद मिला। बहुत कम लोग ये बात जानते है कि मोदी उन गिने चुने हुए नेताओं में से हैं, जिन्होंने बिना चुनाव लड़े ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली हैं। आइए जानते है PM मोदी से जुड़ा ये किस्सा…
केशुभाई पटेल की जगह मुख्यमंत्री बने प्रधानमंत्री मोदी
साल 1998 के गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला। इसके बाद केशुभाई पटेल को राज्य की सत्ता सौंप दी गई। लेकिन 3 साल के अंदर ही केशुभाई पटेल को उनके पद से हटना पड़ा और इसकी वजह बना उनका खराब स्वास्थय।
मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल की तबीयत ठीक न होने के कारण भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के लिए नए मुख्यमंत्री की खोज शुरू की और यह खोज उस वक्त के भाजपा महामंत्री और हरियाणा व उत्तराखंड के प्रभारी नरेंद्र मोदी के रूप में पूरी हुई।
बिना चुनाव लड़े मुख्यमंत्री बन गए मोदी
बता दें कि 7 अक्टूबर 2001 को नरेंद्र मोदी जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे। उस वक्त वह गुजरात विधानसभा के सदस्य नहीं थे। लेकिन मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उनका विधायक बनना जरूरी थी। इसलिए उस समय के राजकोट द्वितीय से विधायक वजुभाई वाला ने अपनी सीट छोड़ दी और मोदी इस इस सीट पर उपचुनाव जीत कर अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब हो गए थे।
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Published on:
17 Sept 2023 02:58 pm
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