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विज्ञान जगत ने एक ही दिन में खोए दो सितारे, डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर और एम आर श्रीनिवासन को PM Modi ने दी इन शब्दों में श्रद्धांजलि

MR Srinivasan and Jayant Narlikar Death: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान जगत जे जाने माने चेहरे खगोलशास्त्री डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर और परमाणु वैज्ञानिक डॉ. एम आर श्रीनिवासन के निधन पर शोक व्यक्त किया।

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भारत

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Devika Chatraj

May 20, 2025

MR Srinivasan and Jayant Narlikar Death

एमआर श्रीनिवासन और जयंत नार्लीकर का निधन (Source - ANI/पत्रिका)

PM Modi on MR Srinivasan and Jayant Narlikar Death: भारतीय विज्ञान जगत के लिए आज एक दुखद दिन रहा, जब दो महान वैज्ञानिकों, खगोलशास्त्री डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर (Dr. Jayant Narlikar) और परमाणु वैज्ञानिक डॉ. एम आर श्रीनिवासन (MR Srinivasan) का निधन हो गया। दोनों वैज्ञानिकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अभूतपूर्व योगदान दिया और भारत को वैश्विक मंच पर गौरव दिलाया।

डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर का निधन

प्रख्यात खगोलशास्त्री और पद्म विभूषण से सम्मानित डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर का मंगलवार सुबह पुणे में उनके निवास पर निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। परिवार के सूत्रों के अनुसार, डॉ. नार्लीकर ने हाल ही में हिप सर्जरी कराई थी और वह उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। उन्होंने शांतिपूर्वक नींद में अंतिम सांस ली। डॉ. नार्लीकर को उनके होयल-नार्लीकर सिद्धांत के लिए विश्व स्तर पर जाना जाता है, जिसने बिग बैंग सिद्धांत को चुनौती दी। उन्होंने इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA) की स्थापना की और विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कई किताबें, लेख और रेडियो/टीवी कार्यक्रमों के माध्यम से योगदान दिया। उनकी मराठी आत्मकथा को 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

डॉ. एम आर श्रीनिवासन का निधन

दूसरी ओर, भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के दिग्गज और पद्म भूषण से सम्मानित डॉ. एम आर श्रीनिवासन का भी मंगलवार को निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। डॉ. श्रीनिवासन ने भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया और देश के पहले परमाणु रिएक्टरों के विकास में अहम भूमिका निभाई। उनके प्रयासों ने भारत को परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मदद की।

PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों वैज्ञानिकों के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ. नार्लीकर के लिए PM मोदी ने कहा, "डॉ. जयंत नार्लीकर का निधन भारतीय विज्ञान जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके होयल-नार्लीकर सिद्धांत ने विश्व में भारत का नाम रोशन किया। वह न केवल एक महान वैज्ञानिक थे, बल्कि विज्ञान को लोकप्रिय बनाने वाले प्रेरक व्यक्तित्व भी थे। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।"

श्रीनिवासन के लिए क्या बोले पीएम

डॉ. श्रीनिवासन के लिए PM मोदी ने लिखा, "डॉ. एम आर श्रीनिवासन ने भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनकी दूरदृष्टि और समर्पण ने देश को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत किया। उनका जाना एक युग का अंत है।"

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि डॉ. नार्लीकर का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। डॉ. श्रीनिवासन के अंतिम संस्कार के लिए भी समान सम्मान की व्यवस्था की गई है। विज्ञान जगत और देशवासियों ने इन दोनों महान हस्तियों को नम आंखों से विदाई दी। उनके योगदान ने न केवल भारत, बल्कि विश्व स्तर पर विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी है।

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