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PM Modi Japan Visit: जापान के पीएम इशिबा के साथ पीएम मोदी ने किया बुलेट ट्रेन का सफर, जानिए भारत में कब होगी शुरू

PM Modi Japan Visit: पीएम मोदी और पीएम इशिबा ने बुलेट ट्रेन का सफर किया। पीएम मोदी के जापान दौरे के दौरान जापानी PM ने भारत में अगले 10 साल में 6 लाख करोड़ रुपए निवेश की बात कही।

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PM Modi and PM Ishiba sitting in the bullet train

बुलेट ट्रेन में बैठे पीएम मोदी और पीएम इशिबा (फोटो-IANS)

PM Modi Japan Visit: पीएम मोदी जापान दौरे पर हैं। आज दौरे के दूसरे दिन उन्होंने जापानी पीएम इशिबा के साथ एडवांस बुलेट ट्रेन E10 देखने मियागी प्रांत के सेंडाई पहुंचे। दोनों नेताओं ने बुलेट ट्रेन का सफर भी किया। साथ ही, भारत में बुलेट ट्रेन चलाने की ट्रेनिंग लेने वाले ड्राइवरों से मुलाकात भी की। पीएम मोदी जापान के बाद चीन के दौरे पर जाएंगे। वह शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन की सालाना होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे। इस दौरान पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे।

भारत में कब शुरू होगी बुलेट ट्रेन

मुंबई-अहमदाबाद के बीच चल रहे बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट का पहला चरण 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है। इस ट्रैप पर जापान की शिंकानसेन तकनीक पर आधारित ई-5 सीरीज की बुलेट ट्रेनें चलेंगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने एक बयान में बताया था कि प्रोजेक्ट का दो तिहाई से अधिक काम पूरा हो चुका है। 300 किलोमीटर वायाडक्ट और सभी 8 स्टेशनों की नींव रखी जा चुकी है। 320 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने वाली इस ट्रेन के चलते मुंबई और अहमदाबाद का सफर महज 2-3 घंटे रह जाएगा।

10 साल में 6 लाख करोड़ रुपए निवेश करेगा जापान

इससे पहले मोदी ने शुक्रवार को 15वें भारत-जापान समिट में हिस्सा लिया। इस दौरान दोनों देशों में 150 समझौते हुए। जापानी PM ने भारत में अगले 10 साल में 6 लाख करोड़ रुपए निवेश की बात कही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जापान यात्रा के दौरान शुक्रवार को कहा कि जापान की तकनीक और भारतीय प्रतिभाएं दुनिया में विजयी संयोजन (विनिंग कॉम्बिनेशन) है। इसके साथ ही चंद्रयान-5 मिशन पर भारत और जापान साथ मिलकर काम करेंगे। इसके तहत इसरो व जाक्सा चंद्रमा पर एशियाई परचम लहराएंगे। इस मिशन में इसरो के हिस्से लॉन्च वाहन, आर्बिटर-लैंडर, सॉफ्ट लैंडिंग तकनीक व संचार, चंद्र सतह पर प्रयोगशाला व उपकरणों की डिजाइनिंग की जिम्मेदारी होगी। वहीं, जापान की स्पेस एजेंसी जाक्सा रोवर व वैज्ञानिक उपकरण, नेविगेशन और मैपिंग, पेलोड, बैटरी व पावर सिस्टम पर काम करेगी।