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परमवीरों के नाम 21 द्वीप, पीएम मोदी बोले- ये प्रेरणा के स्थल बनेंगे, पीढ़ियां करेंगी याद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में उन्हें समर्पित स्मारक के एक मॉडल का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उद्घाटन किया।

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pm modi unveils model of netaji memorial

pm modi unveils model of netaji memorial

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के मौके पर आज अंडमान और निकोबार के 21 बड़े द्वीपों का नामकरण किया। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इसका उद्घाटन किया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने अंडमान-निकोबार के 21 द्वीपों का शहीदों के नाम पर नामकरण किया। अब तक ये अनाम द्वीप थे, जो आज से परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से ये द्वीप जाने जाएंगे। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में भाग लिया। वहीं, आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए गृह मंत्री अमित शाह पोर्ट ब्लेयर पहुंचे हैं।


पीएम मोदी ने वर्चुअली कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अंडमान की ये धरती वो भूमि है, जिसके आसमान में पहली बार मुक्त तिरंगा फहरा था। उन्होंने कहा कि आज के इस दिन को आजादी के अमृत काल के एक महतपूर्ण अध्याय के रूप में आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी। आने वाली पीढ़ियों के लिए ये द्वीप एक चिरंतर प्रेरणा का स्थल बनेंगे।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों का नामकरण हुआ है। इन 21 द्वीपों को 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से जाना जाएगा। जिस द्वीप पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस रहे थे, वहां पर उनके जीवन और योगदानों को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक का अनावरण किया गया है।


पीएम मोदी ने कहा कि अंडमान में जिस जगह नेता जी ने सबसे पहले तिरंगा फहराया था वहां आज गगनचुंबी तिरंगा आजादी हिन्द फौज के पराक्रम का गुणगान कर रहा है। समंदर किनारे लहराते तिरंगे को देख, यहां आने वाले लोगों में देशभक्ति का रोमांच बढ़ जाता है। अंडमान की ये धरती वो भूमि है, जिसके आसमान में पहली बार मुक्त तिरंगा फहरा था।


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद सम्मान के साथ देश के गौरव के समान सुभाष बाबू की मूर्ति लगाने का काम किया। उन्होंने कहा कि आज के दिन को पराक्रम दिन घोषित किया। यह दुर्भाग्य रहा कि सुभाष बाबू को भुलाने का बहुत प्रयास किया गया मगर कहते हैं कि जो जो वीर होते हैं वो अपनी स्मृति के लिए किसी के मोहताज नहीं होते हैं। वो स्मृति उनकी वीरता के साथ ही होती है।