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PM मोदी 13 से 15 सितंबर तक मिजोरम-मणिपुर समेत 5 राज्यों का दौरा करेंगे, 71,850 करोड़ की परियोजनाओं की देंगे सौगात

PM Modi visit Manipur: मणिपुर में शांति और विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 सितंबर को चुराचांदपुर और इंफाल में विस्थापित लोगों से मुलाकात करेंगे, 31 परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे।

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BJP enraged over video of PM Narendra Modi and his late mother

BJP enraged over video of PM Narendra Modi and his late mother (Photo-IANS)

PM Modi Visit to Manipur: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार, 13 सितंबर 2025 को मणिपुर का दौरा करेंगे, जहां वे 8,500 करोड़ रुपये की 31 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। मणिपुर के मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल ने शुक्रवार को इस दौरे की आधिकारिक पुष्टि की। यह दौरा मई 2023 से शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद प्रधानमंत्री का पहला मणिपुर दौरा होगा। इस दौरान पीएम चुराचांदपुर और इंफाल में विस्थापित लोगों से मुलाकात करेंगे और शांति व विकास को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाएंगे।

चुराचांदपुर में शांति और विकास की शुरुआत

मुख्य सचिव गोयल ने बताया कि पीएम मोदी दोपहर 12:30 बजे मिजोरम की राजधानी आइजोल से चुराचांदपुर पहुंचेंगे, जहां कुकी-जो समुदाय बहुसंख्यक है। वहां वे हिंसा से प्रभावित आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों (आईडीपी) से मुलाकात करेंगे। चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड में पीएम 7,300 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे। इन परियोजनाओं में मणिपुर शहरी सड़कें, जल निकासी, और परिसंपत्ति प्रबंधन सुधार परियोजना, मणिपुर इन्फोटेक डेवलपमेंट (MIND) परियोजना, और राष्ट्रीय राजमार्ग 102A का उन्नयन शामिल हैं।

इंफाल में परियोजनाओं का उद्घाटन

चुराचांदपुर के बाद, पीएम मोदी इंफाल के कांगला किले पहुंचेंगे, जहां वे 1,200 करोड़ रुपये की 17 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इनमें मणिपुर भवन (द्वारका, नई दिल्ली और साल्ट लेक सिटी, कोलकाता), सिविल सचिवालय, नया पुलिस मुख्यालय, विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) भवन, इंफाल नदी के पश्चिमी तट का विकास (दूसरा चरण), और एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल (EMRS) जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा, वे इंफाल में भी विस्थापित लोगों से मुलाकात करेंगे और एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे।

विस्थापित लोगों की स्थिति और शांति प्रयास

मणिपुर में पिछले 27 महीनों से जातीय हिंसा के कारण करीब 57,000 लोग 280 से अधिक राहत शिविरों में रह रहे हैं। ये शिविर मेइतेई-बहुल घाटी और कुकी-जो-बहुल पहाड़ी क्षेत्रों में फैले हैं। जुलाई में तत्कालीन मुख्य सचिव पीके सिंह ने एक तीन-चरणीय पुनर्वास योजना की घोषणा की थी, जिसका लक्ष्य वर्ष के अंत तक सभी राहत शिविरों को समाप्त करना है। केंद्र सरकार मेइतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दे रही है। गृह मंत्रालय ने कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन और यूनाइटेड पीपल्स फ्रंट जैसे कुकी-जो उग्रवादी समूहों के साथ निलंबन संचालन समझौते को हाल ही में नवीनीकृत किया है।

मणिपुर: भारत के 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' का प्रवेश द्वार

मुख्य सचिव गोयल ने कहा कि मणिपुर न केवल एक सीमावर्ती राज्य है, बल्कि भारत की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' का एक केंद्रीय स्तंभ और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लिए प्रवेश द्वार है। उन्होंने कहा कि पीएम का दौरा राज्य में शांति, सामान्य स्थिति और विकास की गति को तेज करेगा। गोयल ने मणिपुर और केंद्र सरकार की ओर से लोगों से अपील की कि वे प्रधानमंत्री के स्वागत में आगे आएं और कार्यक्रम में भाग लें।

विकास परियोजनाओं का प्रभाव

इन परियोजनाओं में नौ स्थानों पर कार्यरत महिलाओं के लिए हॉस्टल, 16 जिलों में 120 हाई स्कूलों और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों का सुदृढ़ीकरण, और सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में सुपर स्पेशियलिटी और विशेष स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं। ये परियोजनाएं मणिपुर के बुनियादी ढांचे, शिक्षा, और स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करेंगी।