इन सब में भारत के लिए बड़ी समस्या यूक्रेन में फसे अपने नागरिकों को वहा से निकलने की है। यूक्रेन में करीब 18 हजार भारतीय हैं, जिन्हें निकालने के लिए वैकल्पिक मार्गों पर काम किया जा रहा है।कुछ खबरों के मुताबिक भारतीय विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन के बॉर्डर के कुछ इलाके में टीम को एक्टिव कर दिया है है। ताकि उनसे भारतीय संपर्क साध सकें।
पीएम मोदी और पुतिन के बीच हुई ये बात:
बता दें कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री को यूक्रेन के संबंध में हाल के घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी। पीएम मोदी ने अपने लंबे समय से दृढ़ विश्वास को दोहराया कि रूस और नाटो समूह के बीच मतभेदों को केवल ईमानदार बातचीत के माध्यम से ही सुलझाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति की अपील करते हुए हिंसा की तत्काल समाप्ति की अपील की और राजनयिक वार्ता के रास्ते पर लौटने के लिए सभी पक्षों से ठोस प्रयास करने का आह्वान किया।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से पीएम मोदी की बातचीत से पहले विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा कि यूक्रेन में भारतीयों की सुरक्षा प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पोलैंड के रास्ते यूक्रेन में फंसे भारतीय लौट सकेंगे।
वैकल्पिक व्यवस्था पर फोकस:
यूक्रेन में हवाई क्षेत्र बंद है इसलिए भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। केंद्र सरकार सभी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
क्या बोला यूक्रेन में भारतीय दूतावास:
बता दें कि यूक्रेन में मौजूद भारतीय दूतावास ने वहां फंसे भारतीयों को राहत दी है। दूतावास की ओर से कहा गया है कि, व्याकुल न हों और आप जहां भी हैं सुरक्षित रहें। दूतावास ने कहा कि यूक्रेन वायु क्षेत्र के नागरिक विमानों के लिये बंद किये जाने के मद्देनजर भारतीय नागरिकों को निकालने के लिये वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।
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