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वैशाली में प्रशांत किशोर ने तेजस्वी को दी चुनौती, कहा- हिम्मत है तो राघोपुर से लड़ें चुनाव

Bihar Elections: प्रशांत किशोर ने राघोपुर से तेजस्वी यादव को चुनौती दी है। पीके ने कहा कि यदि तेजस्वी यादव किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ते हैं तो यह उनके लिए हार स्वीकार करने जैसा होगा।

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प्रशांत किशोर (जनसुराज नेता)

Bihar Elections: वैशाली के राघोपुर में प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने राजद नेता व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को चुनौती दी है। प्रशांत किशोर ने तेजस्वी के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में चुनौती देते हुए चुनाव राघोपुर सीट से लड़ने की चुनौती दी। पीके ने कहा कि यदि तेजस्वी यादव किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ते हैं तो यह उनके लिए हार स्वीकार करने जैसा होगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर तेजस्वी बिहार में 'सुरक्षित सीट' की तलाश में जाते हैं, तो उनकी स्थिति राहुल गांधी जैसी हो सकती है। पीके ने कहा कि राघोपुर में सुधार की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लोग 24 घंटे इंतजार करें, इसका असर पेरासिटामोल जैसा होगा।

यहां की जनता चाहती है बदलाव

पीके ने कहा कि राघोपुर की जनता बदलाव चाहती है। क्योंकि वे बेरोजगारी, बाढ़ और वार्ड संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। पीके ने कहा कि यदि वे भ्रष्टाचार वाली सरकार चाहते हैं तो नीतीश को वोट दें, अपराध या जंगलराज वाली सरकार चाहते हैं तो लालू को वोट दें। यदि वे बच्चों के लिए शिक्षा और रोजगार चाहते हैं तो जन सुराज को चुनें। पीके ने कहा कि नीतीश कुमार ने महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपए रिश्वत के रूप में दी है। ताकि वह उनका वोट हासिल कर सकें।

तेजस्वी को लगातार दे रहे हैं चुनौती

प्रशांत किशोर लगातार तेजस्वी यादव (Tejashwi) को चुनौती देते हुए दिखाई पड़ते हैं। प्रशांत बिहार की जनता को बताने में एक बार भी नहीं चूकते हैं कि तेजस्वी 9वीं फेल हैं। उनमें ज्ञान की कमी है। बिहार की जनता उन्हें सीएम के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है।

क्या है राघोपुर का इतिहास

राघोपुर विधानसभा सीट बिहार के वैशाली जिले में आती है। राघोपुर सीट पिछले 30 वर्षों में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और विशेष रूप से लालू प्रसाद यादव के परिवार का मजबूत गढ़ रहा है। साल 1995 में लालू यादव ने पहली बार जनता दल (बाद में RJD) के टिकट पर राघोपुर से पहली बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। यह सीट उनके लिए उदय नारायण राय (भोला राय) ने छोड़ी थी, जो 1980 से 1995 तक लगातार विधायक रहे। इस जीत ने राघोपुर को लालू परिवार के राजनीतिक प्रभाव का केंद्र बना दिया।

चारा घोटाले में लालू यादव के जेल जाने के बाद साल 2000 के उपचुनाव में उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने चुनावी ताल ठोकी और जीत दर्ज की। साल 2000 के विधानसभा चुनाव, और 2005 के विधानसभा चुनावों में राबड़ी देवी ने जीत दर्ज की। साल 2010 के विधानसभा चुनाव में पहली बार राजद और लालू परिवार को यहां हार का सामना करना पड़ा। JDU के सतीश कुमार ने राबड़ी देवी को 13,006 वोटों के अंतर से हराया। 2015 के विधानसभा चुनाव में लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव की एंट्री हुई। उन्होंने इस सीट से चुनाव जीता। फिर 2020 में भी तेजस्वी राघोपुर सीट से जीतकर बिहार विधानसभा पहुंचे।

राघोपुर यादव बाहुल्य जनसंख्या वाली विधानसभा सीट है। हालांकि, यहां राजपूत और अन्य समुदायों की आबादी भी अच्छी खासी मानी जाती है। राघोपुर में 2015 में आरजेडी को 49.15% और बीजेपी को 36.9% वोट मिले थे और वह दूसरे नंबर पर रही थी। 2020 में राघोपुर से आरजेडी ने 48.74% वोट शेयर के साथ जीत दर्ज की थी जबकि बीजेपी को 29.64% वोट मिले थे और तब भी वह दूसरे नंबर पर रही थी।