
INS Vindhyagiri: भारतीय नौ सेना के बेड़े में एक और जंगी जहाज गुरुवार को शामिल हो गया। भारतीय नौ सेना के प्रोजेक्ट 17 अल्फा के तहत बना यह छठवां जहाज चीन और पाकिस्तान से मिलने वाली किसी भी चुनौती को जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा तैयार इस जहाज का जलावतरण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया। चलिए आपको इस युद्धपोत की विशेषताओं और मारक क्षमता से आपका परिचय कराते हैं...
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ये हैं दस विशेषताएं...
1. कर्नाटक की पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है आईएनएस विंध्यगिरि का नाम
2 .यह युद्धपोत शिवालिक श्रेणी के फॉलो-ऑन युद्धपोत हैं। इसकी 6670 टन भार वहन क्षमता है।
3. इसमें खुद को गुप्त रखने की तकनीक, हथियार, अत्याधुनिक रडार, एंटी सबमरीन सिस्टम और बेहतरीन सेंसर लगाए गए हैं।
4 .आईएनएस विंध्यगिरि तकनीकी रूप से एक उन्नत युद्धपोत हैं।
5. जुलाई 1981 से जून 2012 तक यानी 31 साल तक पहले भी सेवाएं दे चुका है।
6. यह 75 फीसदी तक स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत के तहत बना युद्धपोत है
7. प्रोजेक्ट 17 अल्फा के तहत मझगांव डॉक लिमिटेड और जीआरएसई सात जहाज बना रहे हैं।
8. इस युद्धपोत की डिजायन भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है।
9. यह 150 मीटर लंबा और 37 मीटर ऊंचा युद्धपोत है। इसकी गति 52 किमी प्रतिघंटा है।
10. बराक 8 और ब्रह्मोस मिसाइल लांच करने में सक्षम है।
Published on:
17 Aug 2023 04:50 pm
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