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President Rule: कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का भाजपा पर तीखा वार, “बीजेपी किसी और सरकार को नहीं कर सकती बर्दाश्त”

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की कड़ी निंदा करते हुए बोले, भाजपा किसी और सरकार को बर्दाश्त नहीं कर सकती, इसलिए उसने राष्ट्रपति शासन लगाया है। हालात इतने खराब हैं कि कोई भी उनके साथ जाने को तैयार नहीं है।"

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भारत

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Devika Chatraj

Feb 14, 2025

President Rule in Manipur: मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर विपक्ष में इसका विरोध देखा जा रहा है। हाल ही में कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की कड़ी निंदा करते हैं। मीडिया से बातचीत करते हुए मसूद कहते हैं "इतने सारे लोगों की मौत और ऐसी विकट परिस्थितियों के बाद राष्ट्रपति शासन लगाया गया है। भाजपा किसी और सरकार को बर्दाश्त नहीं कर सकती, इसलिए उसने राष्ट्रपति शासन लगाया है। हालात इतने खराब हैं कि कोई भी उनके साथ जाने को तैयार नहीं है।"

मणिपुर में शांति की बात जरुरी

कांग्रेस सांसद ने कहा, "मणिपुर में अभी शांति की बात होनी चाहिए। समय की मांग है कि दोनों समुदायों के बीच की दूरी को पाटा जाए। मुझे नहीं पता कि परिस्थितियों में क्या बदलाव आएगा।" 13 फरवरी को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य के राज्यपाल से रिपोर्ट मिलने के बाद मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत लिए गए इस फैसले का मतलब है कि अब राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति सीधे राज्य के प्रशासनिक कार्यों को नियंत्रित करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी भारत के राजपत्र में प्रकाशित उद्घोषणा में कहा गया है कि मणिपुर विधानसभा की शक्तियों को संसद को हस्तांतरित कर दिया जाएगा, जिससे राज्य सरकार के अधिकार प्रभावी रूप से निलंबित हो जाएंगे।

क्या है राष्ट्रपति शासन?

आपको बता दें की राष्ट्रपति शाशन के तहत राज्यपाल की शक्तियों का प्रयोग अब राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा। इसके द्वारा राज्य के नियन्त्रण की बजाय एक निर्वाचित मुख्यमन्त्री के, सीधे भारत के राष्ट्रपति के अधीन आ जाता है, लेकिन प्रशासनिक दृष्टि से राज्य के राज्यपाल को केन्द्रीय सरकार द्वारा कार्यकारी अधिकार प्रदान किये जाते हैं।

कब तक रहेगा राष्ट्रपति शासन

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का भाजपा पर तीखा वार, "बीजेपी किसी और सरकार को नहीं कर सकती बर्दाश्त"राष्ट्रपति शासन छह महीने तक चल सकता है, बशर्ते कि संसद की मंजूरी मिल जाए। इस अवधि के दौरान, केंद्र सरकार शासन की देखरेख करेगी और नई विधानसभा चुनने के लिए नए चुनाव कराए जा सकते हैं। यह कदम 9 फरवरी को मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में एन बीरेन सिंह के अपने पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद उठाया गया है। उनका इस्तीफा लंबे समय से चली आ रही जातीय हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के बीच आया है, जिसने राज्य को लगभग दो साल तक त्रस्त कर रखा था।

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