
35 begging children rescued in punjab ( photo - file photo )
बच्चों से भीख मंगवाने की समस्या को मिटाने के लिए पंजाब सरकार ने जीवनज्योत-2 अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के दूसरे दिन बठिंडा में 18 बच्चों को रेसक्यू किया गया है। सिर्फ दो दिन में ही इस अभियान के तहत राज्य में 35 बच्चों को बचाया गया है। इस मामले में अब तक 24 लोगों के खिलाफ मामाले दर्ज किए जा चुके है। हालांकि सरकार के आधिकारिक बयान में मुक्त कराए गए बच्चों की संख्या 41 बताई गई है।
राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बयान जारी करते हुए बताया कि, शुक्रवार को राज्य के 18 जिलों में भिक्षावृत्ति के खिलाफ अभियान चलाया गया। उन्होंने आगे बताया कि, बठिंडा में 18 बच्चों को मुक्त करा 24 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन लोगों पर आरोप है कि यह बच्चों से जबरन भीख मंगवा रहे थे। बठिंडा पुलिस ने इस मामले पर जानकारी देते हुए कहा कि, जिला बाल भलाई कमेटी के साथ मिल कर जिला टास्क फोर्स ने शहर में कई जगहों पर छापेमारी की और 18 बच्चों के रेसक्यू किया।
इस अभियान के तहत गुरुवार को अमृतसर से पांच और मोहाली से 12 बच्चों को बचाया गया था। जिला बाल संरक्षण अधिकारी रवनीत कौर सिद्धू के अनुसार, रेस्क्यू किए गए इन बच्चों के माता पिता की पहचान डिएनए की मदद से की जाएगी। सिद्घू ने कहा, बच्चों के माता पिता होने का दावा करने वालों से दस्तावेज मंगवाए गए है, अगर वह जरूरी दस्तावेज पेश करने में असफल रहते है तो उनका डीएनए टेस्ट कराया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. कौर ने बताया कि, अपने बच्चों से भीख मंगवाते हुए पकड़े जाने वाले माता पिता को पहले चेतावनी दी जाएगी। लेकिन यदि वह चेतावनी के बाद भी ऐसा करते हुए पाए जाते है तो उन्हें अनफिट अभिभावक घोषित कर दिया जाएगा। ऐसे अभिभावकों से बच्चे रखने का अधिकार छिन लिया जाएगा और उनके बच्चों को सरकारी संस्थाओं में भेज दिया जाएगा। इसके अलावा यदि कोई अन्य व्यक्ति बाल तस्करी या फिर बच्चों का शोषण करते पाया गया तो उसे पांच वर्ष की कैद से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
Updated on:
19 Jul 2025 04:50 pm
Published on:
19 Jul 2025 04:49 pm
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