
Rahul Gandhi Disqualified from Lok Sabha MP, What Legal options He Have?
Rahul Gandhi Disqualified: पहले मानहानि मामले में दो साल की कैद की सजा और अब लोकसभा की सदस्यता रद्द... कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आए दो दिन में आए इन दो फैसलों से देश की सियासत बदल गई है। अडानी मामले में जेपीसी गठन की मांग और राहुल गांधी के लंदन वाले बयान पर चल रहा घमासान इन दोनों फैसलों के बाद पीछे छूट गया है। अब सवाल राहुल गांधी के राजनीतिक भविष्य का उठ रहा है। सांसदी समाप्त होने के बाद अब राहुल गांधी को चुनाव लड़ने से भी रोके जाने की भी अटकलें है। दरअसल जिस कानून के तहत राहुल गांधी की सांसदी समाप्त की गई, उसी कानून में प्रावधान है कि सजा मिलने के बाद संबंधित जनप्रतिनिधि को चुनाव लड़ने से भी रोका जाएगा। ऐसे में अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी राजनीतिक भविष्य बीच अधर में लटक गया है। आईए जानते है इस सजा से बचने के लिए राहुल गांधी के पास क्या विकल्प है।
क्या है जनप्रतिनिधित्व कानून, जिसके तहत गई राहुल गांधी की सांसदी
भारत में सांसद-विधायकों के लिए जनप्रतिनित्व कानून है। इस कानून के तहत यदि किसी भी सांसद और विधायक को किसी भी मामले में दो साल से अधिक की सजा हुई तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाएगी। साथ ही सजा की अवधि पूरी किए जाने के बाद से 6 साल तक वह शख्स चुनाव नहीं लड़ सकता है। राहुल गांधी पर इसी कानून के तहत कार्रवाई हुई है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में बना। लेकिन बाद में इसे संशोधित कर और सख्त किया गया।
2031 तक चुनाव लड़ने से रोके जा सकते हैं राहुल गांधी
जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत राहुल गांधी को 2031 तक चुनाव लड़ने और मतदान करने से रोका जा सकता है। दरअसल मानहानि वाले मामले में राहुल गांधी को 2023 में दो साल की कैद की सजा मिली है। जो 2025 में पूरी होगी। इसके बाद जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत सजा पूरी किए जाने के बाद 6 साल तक सांसद या विधायक चुनाव नहीं लड़ सकता है। ऐसे में यह मियाद राहुल गांधी की 2031 में पूरी होगी।
अब राहुल गांधी के पास क्या है विकल्प?
मोदी सरनेम वाले मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सूरत की अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत उनकी सांसदी पर भी खतरा आ गया है। लेकिन इस मामले में एक्सपर्ट ने बताया कि यदि ऊपरी न्यायालय द्वारा यदि इस सजा को निलंबित कर दिया जाए तो राहुल गांधी की सांसदी बरकरार रहेगी। राहुल गांधी इस फैसले के खिआफ अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट भी जा सकते हैं और अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं।
दोषमुक्त या सजा पर रोक लगने से बची रहेगी राहुल की सांसदी
एक्सपर्ट ने बताया कि राहुल गांधी अब सूरत कोर्ट के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकते हैं। अगर ऊपर अदालत में उन्हें दोषमुक्त ठहराया जाता है तो उनकी संसद सदस्यता खत्म करने का फैसला भी खारिज हो जाएगा। ऊपरी अदालत अगर ये कह दे कि सीआरपीसी की धारा-389 के तहत उनकी सजा पर रोक लगाई जाती है। इसके बाद अदालत उनकी दोषसिद्धि पर भी रोक लगा दे तो वह लोकसभा सांसद बने रह सकते हैं।
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सीनियर वकील ने बताया कि राहुल के ऑप्शन-
राहुल गांधी वाले मामले में एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि लिली थॉमस में 2013 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, जिसकी 2018 में लोक प्रहरी मामले में फिर से पुष्टि की गई थी, यह बहुत स्पष्ट है कि दो साल की सजा होने के बाद अयोग्यता हो जाती है और लोकसभा सचिवालय की अधिसूचना इसका प्रशासनिक पहलू है। लूथरा, पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल, ने आगे कहा कि अगर गांधी की सजा पर रोक लग जाती है, तो वह लोकसभा अध्यक्ष के पास जा सकते हैं और दोषसिद्धि पर रोक उन्हें 2024 का चुनाव लड़ने की अनुमति देगी।
राहुल गांधी ने क्या दिया था बयान, जो अब बनी गले की फांस-
राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में आयोजित एक जनसभा में मोदी सरनेम पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कथित तौर पर कहा था, ‘‘ नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’’ राहुल की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने याचिका दायर की थी। जिसमें सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की कैद की सजा सुनाई।
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Updated on:
25 Mar 2023 08:31 am
Published on:
24 Mar 2023 08:33 pm
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