31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राहुल गांधी के लोकतंत्र वाले बयान पर तेज प्रताप ने दिया रिएक्शन, बोले- ‘जब वह विदेश से लौटेंगे तो…’

राहुल गांधी के बयान पर तेज प्रताप यादव ने तंज कसा है, जिसमें उन्होंने कहा कि राहुल को विदेश जाना पसंद है, शायद वे भारत से ऊब गए हैं। राहुल गांधी ने कोलंबिया विश्वविद्यालय में कहा था कि भारत का लोकतंत्र खतरे में है, जिसे लेकर देश-विदेश में चर्चा हो रही है

2 min read
Google source verification

पटना

image

Mukul Kumar

Oct 04, 2025

Tej Pratap Yadav

तेज प्रताप यादव Photo-IANS)

जनशक्ति जनता दल के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के लोकतंत्र वाले बयान पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि राहुल को विदेश जाना पसंद है, शायद वे भारत से ऊब गए हैं।

दरअसल, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi Democratic Remarks) ने कोलंबिया विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का लोकतंत्र खतरे में हैं। इस बयान को लेकर देश विदेश तमाम नेताओं ने घेरा।

तेजप्रताप ने क्या कहा?

अब तेज प्रताप ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि राहुल गांधी को विदेश ज्यादा पसंद हो। हो सकता है कि वह भारत और बिहार की धरती से ऊब गए हों। हो सकता है कि वह तरोताजा होने के लिए विदेश गए हों। जब वह लौटेंगे तो आप उनके चेहरे पर ताजगी देख पाएंगे।

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि भारत के पास इंजीनियरिंग और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में मजबूत क्षमताएं हैं, इसलिए मैं देश को लेकर बहुत आशावादी हूं। लेकिन साथ ही, भारत के ढांचे में कुछ खामियां भी हैं जिन्हें भारत को ठीक करना होगा। सबसे बड़ी चुनौती भारत में लोकतंत्र पर हो रहा हमला है।

कांग्रेस नेता ने तर्क दिया कि लोकतांत्रिक व्यवस्था विविधता के लिए महत्वपूर्ण है, जो धार्मिक मान्यताओं सहित विभिन्न परंपराओं, रीति-रिवाजों और विचारों को पनपने देती है।

राहुल बोले- भारत में अनेक धर्म, परंपराएं और भाषाएं हैं

राहुल ने आगे कहा कि भारत में अनेक धर्म, परंपराएं और भाषाएं हैं। वास्तव में, यह देश अनिवार्य रूप से इन सभी लोगों और संस्कृतियों के बीच एक संवाद है। विभिन्न परंपराओं, धर्मों और विचारों को जगह की आवश्यकता होती है, उस जगह को बनाने का सबसे अच्छा तरीका लोकतांत्रिक व्यवस्था है।

उन्होंने कहा कि इस लोकतांत्रिक व्यवस्था पर व्यापक हमला हो रहा है, यह एक बड़ा जोखिम है। एक और बड़ा जोखिम देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न अवधारणाओं के बीच तनाव है।