
कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। अमेरिका के ब्राउन यूनिवर्सिटी के वाटसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स में हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, एक सिख छात्र के तीखे सवालों के जवाब में राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि 1980 के दशक में हुए सिख दंगे (Sikh Riots) गलत थे और कांग्रेस पार्टी (Congress Party) अपने इतिहास में हुई गलतियों की जिम्मेदारी लेने को तैयार है।
कार्यक्रम के दौरान एक सिख छात्र ने राहुल गांधी से 1984 के दंगों और सिखों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर सवाल पूछा। छात्र ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासनकाल में सिखों की आवाज को दबाया गया और दंगों के आरोपी, जैसे सज्जन कुमार, को पार्टी ने संरक्षण दिया। छात्र ने कहा, "आपने कहा था कि राजनीति निडर होनी चाहिए, लेकिन हम सिर्फ पगड़ी या कड़ा पहनना नहीं चाहते, हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता चाहिए, जो कांग्रेस राज में नहीं मिली।
छात्र के सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा, "1980 के दशक में जो हुआ, वह गलत था। मैं उस समय राजनीति में नहीं था, लेकिन मैं कांग्रेस पार्टी के इतिहास में हुई गलतियों की जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं।" उन्होंने आगे कहा, "मैं कई बार स्वर्ण मंदिर गया हूं और सिख समुदाय के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं। मैं ऐसा भारत नहीं चाहता जहां कोई अपने धर्म को व्यक्त करने में डर महसूस करे।
राहुल गांधी के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। राष्ट्रीय सचिव मंजिंदर सिंह ने कहा, "अपनी दादी और पिता की तरह सिखों से…" जिसे राहुल गांधी के परिवार के इतिहास और सिख समुदाय के साथ उनके संबंधों पर एक तीखा कटाक्ष माना जा रहा है।
1984 के सिख विरोधी दंगे, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद भड़के थे। इन दंगों में दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में हजारों सिखों की जान गई थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अकेले दिल्ली में 2,800 से अधिक सिख मारे गए थे, जबकि पूरे देश में मरने वालों की संख्या 3,350 से अधिक थी। दंगों में कांग्रेस के कुछ नेताओं की कथित संलिप्तता को लेकर भी लंबे समय से विवाद रहा है।
राहुल गांधी के बयान ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है। कुछ यूजर्स ने उनके इस बयान को सिख समुदाय के प्रति उनकी संवेदनशीलता का प्रतीक बताया, जबकि अन्य ने इसे 'मगरमच्छ के आंसू' करार दिया। एक यूजर ने लिखा, "1984 का सिख नरसंहार एक ऐसा दर्द है, जिसे कोई सिख भूल नहीं सकता। राहुल गांधी का यह कहना कि 'जो हुआ, वह गलत था' उस दर्द को कम नहीं करता।"
Updated on:
04 May 2025 02:28 pm
Published on:
04 May 2025 02:27 pm
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