Rahul Gandhi Two Year Jail: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुरुवार 23 मार्च को मानहानि के मामले में गुजरात की सूरत कोर्ट ने दो साल के जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट से मिली इस सजा के बाद अब राहुल की सांसदी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
Rahul Gandhi Two Year Jail: चार साल पुराने मामले में आज राहुल गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाई गई। हालांकि सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद ही उन्हें बेल मिल गई। इससे राहुल गांधी को जेल तो नहीं जाना पड़ा लेकिन अब इस सजा के बाद उनकी संसद की सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है। यदि यह सजा समाप्त नहीं हुई तो राहुल गांधी को 6 साल तक चुनाव लड़ने से भी रोका जा सकता है। कांग्रेस नेता पर यह कार्रवाई किसी राजनीतिक प्रतिशोध में नहीं बल्कि संसद द्वारा बनाए गए कानून के तहत होगी। हालांकि इसके आसार बहुत कम दिख रहे हैं। क्योंकि सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने ऊपरी अदालत में अपील करने का मन बना लिया है। यदि ऊपरी अदालत में भी राहुल गांधी को राहत नहीं मिलती है तो उनकी सांसदी समाप्त हो सकती है। आईए जानते हैं सजा मिलने के बाद सांसदी समाप्त होने का प्रावधान क्या है ?
जानिए क्या जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधान-
दरअसल भारत में सांसद-विधायकों के लिए जनप्रतिनित्व कानून है। इस कानून के तहत यदि किसी भी सांसद और विधायक को किसी भी मालमे में दो साल से अधिक की सजा हुई तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाएगी। साथ ही सजा की अवधि पूरी किए जाने के बाद से 6 साल तक वह शख्स चुनाव नहीं लड़ सकता है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में बना। लेकिन बाद में इसे संशोधित कर और सख्त किया गया।
ऊपरी अदालत स्टे लगा देती है तो नहीं जाएगी सांसदी-
मोदी सरनेम वाले मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सूरत की अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत उनकी सांसदी पर भी खतरा आ गया है। हालांकि यदि ऊपरी न्यायालय द्वारा यदि इस सजा को निलंबित कर दिया जाए तो राहुल गांधी की सांसदी बरकरार रहेगी।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत अगर किसी को दो साल या उससे अधिक के कारावास की सजा सुनाई जाती है, तो वह व्यक्ति कारावास की अवधि और छह साल की अवधि के लिए अयोग्य हो जाता है।
तीन महीने के भीतर अपील कर सकेंगे राहुल गांधी-
अधिनियम में मौजूदा सदस्यों के लिए एक अपवाद है। उन्हें अपील करने के लिए सजा की तारीख से तीन महीने की अवधि प्रदान की गई है और अपात्रता तब तक लागू नहीं होगी जब तक कि अपील का फैसला नहीं हो जाता। गौरतलब है कि गुरुवार को गुजरात में सूरत की एक जिला अदालत ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को 2019 में उनकी 'मोदी सरनेम' टिप्पणी को लेकर उनको मानहानि का दोषी ठहराया है।
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