5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राहुल, प्रियंका और खरगे के 150 रैलियों के बावजूद राजस्थान समेत इन राज्यों में कांग्रेस का जादू फीका, केवल तेलंगाना से उम्मीद

तीन राज्यों में कांग्रेस पार्टी की बड़ी हार होती दिख रही है। ऐसे में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठ रह है कि आखिर 150 से ज्यादा रैली, रोड शो करने के बाद भी जनता से विश्वास नहीं जीत सके।

2 min read
Google source verification
rahul_priyanka.jpg

कांग्रेस पार्टी को हिंदी पट्टी के तीन राज्यों से बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पांच राज्यों में 150 से अधिक सार्वजनिक बैठकें और रोड शो किए। सबसे पुरानी पार्टी का जादू और गारंटी तीन (राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ ) राज्यों में उसके पक्ष में कोई बदलाव नहीं ला सकी। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक, इस साल 22 अगस्त से 81 वर्षीय खड़गे ने तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में पार्टी के घोषणापत्र को लॉन्च करने के लिए 42 सार्वजनिक बैठकों और प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।


कांग्रेस का कुछ काम नहीं आया, चला बीजेपी का जादू

कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में से एक एमपी राहुल गांधी ने 5 अक्टूबर से पांच राज्यों में लगभग 64 सार्वजनिक बैठकें, पदयात्राएं, रोड शो और लोगों के साथ सार्वजनिक संवाद किया। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी 44 सार्वजनिक बैठकों को संबोधित किया और पांच राज्यों में रोड शो किया। पार्टी नेता ने कहा कि इन तीन नेताओं ने तेलंगाना में अधिकतम 55 सार्वजनिक बैठकों को संबोधित किया। राहुल ने दक्षिणी राज्य तेलंगाना में 26 सार्वजनिक बैठकों और रोड शो को संबोधित किया, जबकि उनकी बहन ने राज्य में 16 सार्वजनिक बैठकों को संबोधित किया और अध्यक्ष खड़गे ने 13 सार्वजनिक बैठकों को संबोधित किया।

जहां मध्य प्रदेश में राहुल, प्रियंका और खरगे ने 34 रैलियों को संबोधित किया, वहीं राजस्थान में इन तीनों से 29 जनसभाओं को संबोधित किया और छत्तीसगढ़ में जहां भूपेश बघेल सीएम हैं वहां उन्होंने 28 रैलियों को संबोधित किया। अपनी रैलियों के जरिए कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी पर सीधा हमला बोला और कई मुद्दों पर निशाना साधा। कांग्रेस नेताओं ने राज्यों में कई गारंटी की भी घोषणा की। पार्टी ने जाति-आधारित जनगणना, पुरानी पेंशन योजना को लागू करने, 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर, 100 यूनिट मुफ्त बिजली, महिलाओं को 1,500 रुपये देने की घोषणा की। दूसरी ओर, भाजपा ने भी इन सभी पांच राज्यों में आक्रामक अभियान चलाया।

बता दें कि कांग्रेस की नज़र राजस्थान और छत्तीसगढ़ में लगातार दूसरे कार्यकाल पर थी, हालांकि, दोनों राज्यों में पार्टी पीछे चल रही है। कांग्रेस को भी मध्य प्रदेश में जीत का भरोसा था, हालांकि, भगवा पार्टी ने राज्य में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और वह 166 सीटों पर आगे चल रही थी, जबकि कांग्रेस केवल 62 सीटों पर आगे थी।

कांग्रेस के लिए एकमात्र अच्छी खबर तेलंगाना से है, जहां कांग्रेस 65 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि केसी राव के नेतृत्व वाली बीआरएस 40 सीटों पर आगे चल रही है। विधानसभा चुनावों के नतीजे 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की संभावनाओं पर भी असर डालेंगे क्योंकि उसे इन राज्यों में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।