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पत्रिका की-नोट में प्रधान संपादक गुलाब कोठारी बोले- ‘दूसरी संस्कृति को जीवन में उतारना समस्या’

चेन्नई में आयोजित पत्रिका की-नोट कार्यक्रम में ‘डिजिटल युग में पत्रकारिता की विश्वसनीयता और जिम्मेदारी’ विषय पर चर्चा हुई। साथ ही, पत्रिका ग्रुप के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने संस्कृति व सभ्याता पर अपनी बात रखी।

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Chennai Rajasthan Patrika Key Note Program

पत्रिका की-नोट-2025 को संबोधित करते राजस्थान पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी एवं मंचासीन अतिथि (फोटो-पत्रिका)

राजस्थान पत्रिका समूह (Rajasthan Patrika Group) के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूर चंद्र कुलिश की जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित संवाद शृंखला के तहत पत्रिका की-नोट-2025 में मुख्य वक्ता व पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी (Editor-in-Chief Gulab Kothari) ने कहा कि कई सभ्यताओं ने हम पर शासन किया, लेकिन हमारी संस्कृति आज भी जीवित है। उन्होंने कहा कि आज हम तकनीकी युग में जी रहे हैं। टेलीफोन से स्मार्टफोन और अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक के नवाचारों ने जीवन को बदल दिया है। टेप रिकॉर्डर, वीडियो, सीडी से लेकर मोबाइल और इंटरनेट तक कई तकनीकें आईं और चली गईं। लेकिन इस बदलाव की आंधी में हमारी संस्कृति और संवेदनाएं कमजोर होती जा रही हैं। हम तकनीकी के पकड़ में आते जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पहले गांवों में फोन तक नहीं होते थे, लेकिन अब हर हाथ में स्मार्टफोन है। बदलाव जरूरी है, पर संस्कृति को बचाए रखना उससे भी ज्यादा आवश्यक है। हमें किसी भाषा से कोई शिकायत नहीं है। लेकिन दूसरी संस्कृति को जीवन में उतारना समस्या है। उन्होंने कहा कि आज के बच्चे तकनीक पर पूरी तरह निर्भर हो गए हैं। उनका खानपान, रहन-सहन और सोच मोबाइल और इंटरनेट के इर्द-गिर्द घूमने लगी है। शिक्षा भी तकनीकी बदलावों से प्रभावित हो चुकी है। इस स्थिति ने संवेदनाओं और संस्कृति को और कमजोर कर दिया है। कोठारी ने कहा कि हमें बच्चों को केवल तकनीकी ज्ञान नहीं, बल्कि संवेदनाओं और मानवता से भी जोड़ना होगा। तभी हम एक बेहतर और संवेदनशील समाज बना पाएंगे।

पत्रिका की निडरता ही उसकी सबसे बड़ी ताकत: वानती श्रीनिवासन

इस मौके पर भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और कोयम्बत्तूर दक्षिण की विधायक वानती श्रीनिवासन ने कहा कि गुण-दोष के आधार पर समान रूप से प्रशंसा और आलोचना करना ही असली पत्रकारिता है। पत्रिका की निडरता वाली ऐसी ही पत्रकारिता उसकी सबसे बड़ी ताकत है।

चेन्नई में ‘डिजिटल युग में पत्रकारिता की विश्वसनीयता और जिम्मेदारी’ विषय पर आयोजित इस की-नोट कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह आयोजन कुलिश जी का स्मरण मात्र ही नहीं है, बल्कि उस पत्रकारिता की विरासत को याद करने का अवसर है जिसे कुलिश जी ने खड़ा किया। उनका सिद्धांत था कि पत्रकारिता का पहला ध्येय हमेशा पाठक के हितों की सेवा करना होना चाहिए। साथ ही यह भी कि अखबार कभी भी विज्ञापनदाताओं, राजनीतिक दलों या अपने व्यावसायिक हितों से समझौता न करे।

उन्होंने कहा कि पत्रकारिता तभी सार्थक है जब वह आम आदमी के जीवन को छुए, उसकी आवाज बने और सत्ता से सवाल पूछे। राजस्थान पत्रिका ने कुलिश जी से मिली विरासत कायम रखी है। उन्होंने कहा कि पाठकों के लिए यह मुश्किल हो जाता है जब पत्रकारिता जन मुद्दों को छोड़कर सिर्फ विचारधारा व पार्टी आधारित हो जाती है। रिपोर्टिंग सिर्फ सूचनाओं तक पहुंचना नहीं, बल्कि समाधान तलाशना भी है।

संवाद शृंखला को आर.के. स्वामी समूह के कार्यकारी चेयरमैन श्रीनिवासन के. स्वामी, सुराणा एंड सुराणा अटॉर्नीज के सीईओ डॉ. विनोद सुराणा और अवतार ग्रुप की फाउंडर प्रेसिडेंट डॉ. सौंदर्या राजेश ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पत्रिका समूह और गुलाब कोठारी मीडिया जगत के लिए रोल मॉडल की भूमिका निभा रहे हैं। स्वतंत्र पत्रकारिता किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए बेहद जरूरी है।