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CJI गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले को नहीं है पछतावा, कहा- ‘फिर करूंगा ऐसा’

राकेश किशोर को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। उसने कहा कि अगर मौका मिला तो मैं ऐसा फिर करूंगा। मुझे इसके लिए देवीय शक्ति मदद कर रही है।

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Rakesh Kishore

CJI पर जूता फेंकने वाला वकील राकेश किशोर (फोटो- एएनआई)

भारत के मुख्यन्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर को कोई पछतावा नहीं है। उसने कहा कि वह फिर ऐसा कर सकते हैं। राकेश ने कहा कि वह देवीय काम कर रहे थे। भारत के मुख्य न्यायाधीश के बयान से बेहद आहत थे।

TOI संग बातचीत में राकेश ने कहा कि मैंने परमात्मा का काम किया है। यह देवीय काम था। खुजराहो के मंदिर में भागवान विष्णु की प्रतिमा दोबारा बनने को लेकर गई CJI की टिप्पणी ने मुझे आहत पहुंचाया था। इसलिए मैंने जूता फेंकने की कोशिश की। मैं ऐसा फिर कर सकता हूं। राकेश ने कहा कि ऐसा करने के लिए मुझे देवीय शक्ति ताकत दे रही थी। अगर परमात्मा मुझे दोबारा ऐसा करने के लिए कहते हैं तो मैं ऐसा फिर करूंगा। राकेश के बारे में उसके पड़ोसियों का कहना है कि वह पहले भी ऐसा कर चुका है।

क्या है पूरा मामला?

घटना की शुरुआत 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर 1 में हुई, जब 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने CJI गवई की बेंच के सामने हंगामा मचाया। किशोर ने "सनातन का अपमान नहीं सहेंगे हिंदुस्तान" के नारे लगाते हुए जूता उतारकर CJI की ओर फेंकने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने ऐसा करने से रोक दिया।

घर के बाहर प्रदर्शन

राकेश के जूता फेंकने की कोशिश अब सियासी मुद्दा बन चुका है। बीते दो दिन से उसके घर के बाहर राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों का जुटान हो रहा है। इसमें कुछ कुछ प्रदर्शनकारी डॉक्टर बीआर आंबेडकर की तस्वीरें और संविधान की प्रति साथ रखे हुए थे। इस दौरान नारे लगाए जा रहे थे 'सीजेआई का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान'।